रांची. झारखंड में आज से खुदरा दुकानों में सरकारी व्यवस्था के तहत शराब बेची जाएगी. झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जरिए 1564 दुकानों में शराब बेचने की घोषणा की गई थी. लेकिन, फिलहाल राज्य भर में 1100 शराब की दुकानें ही खोल पाने में सरकार सफल हो पाई है. नियमावली के तहत आज से शराब की सभी बोतल पर QR कोड लगा होगा. ताकि शराब की हर बोतल को ट्रैक किया जा सके.
इस बारे में झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के अध्यक्ष अचिंत्य साहू ने बताया कि नियमावली में रिटेल में शराब की बिक्री पर 3 फ़ीसदी मार्जिन फिक्स किया गया है जबकि एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में इस मार्जिन को नौ फ़ीसदी कर दिया गया है.
हर बोतल को किया जा सकेगा ट्रैक
दरअसल इससे पहले चल रही व्यवस्था के तहत खुदरा शराब दुकान व्यापारी कोटा के उठाव के अनुसार तय की गई रेवेन्यू का भुगतान करते थे. लेकिन, अब सरकारी व्यवस्था के तहत हर बोतल पर तय की गई करीब 9 फ़ीसदी की मार्जिन राशि के आधार पर रेवेन्यू प्राप्त होगा. मतलब शराब की बोतल पर जो एमआरपी लिखा होगा उसका 9 फ़ीसदी सरकार के रेवेन्यू में जाएगा. वहीं, दूसरी ओर क्यू आर कोड हर बोतल पर लिखा होगा, जिससे हर बोतल पर रेवेन्यू सुनिश्चित कर दी जाएगी. साथ ही बोतल को ट्रैक भी किया जा सकेगा.
छत्तीसगढ़ मॉडल का हो रहा विरोध
हालांकि इस बदली व्यवस्था को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. बीजेपी लगातार छत्तीसगढ़ मॉडल का विरोध कर रही है. पार्टी की मानें तो सरकारी मशीनरी को शराब बेचने में लगाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ लगातार सरकार की इस नई व्यवस्था का विरोध कर रहा है. संघ ने कहा कि सरकार बैक डोर से छत्तीसगढ़ मॉडल को लाने की तैयारी कर रही है
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