6 जवानों को सरकार की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. जवानों के परिजनों को
समस्या के खात्मे का संकल्प दोहराया. शहीद जवानों के परिजन अपने घर के चिराग के जाने से कमजोर नहीं दिखे बल्कि अभियान को चलाते रहने का सरकार से आग्रह किया
शहीद अजित ओड़िया की 80 वर्ष की दादी सलाम की काबिल हैं जिन्हें अपनी गोद में खेलाए हुए पोते की शहादत पर गर्व है. पोते की शहादत पर दादी ने कहा कि अभियान चलता रहे. नियति को कौन टाल सकता है. यही भावना हुसैनाबाद पलामू के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार सिंह के भाई की भी है. उनका कहना है कि नक्सलियों का सफाया होना चाहिए. शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के मौके पर परिजनों ने ये बातें कहीं.
बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त कराने के अभियान में जुटे सुरक्षा बलों को नक्सलियों ने लैंड माइंस का शिकार बनाया. शहीद हुए जवानों को रांची के टेंडर ग्राम स्थित
श्रद्धांजलि दी गई. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने परिजनों को ढाढ़स बंधाया. साथ ही कहा कि नक्सली व्यवस्था परिवर्तन के लिए मुख्य धारा में आएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के कायरतापूर्ण काम को बंद कराने के लिए कानून के हाथ लंबे हैं.
शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को झारखंड जगुआर के ग्राउंड में पुलिस, सीआरपीएफ के अफसरों के अलावा मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक ने भी श्रद्धांजलि दी. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अभियान एक लड़ाई है. हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2018, 23:13 IST