CM के काफिले पर हमला: हाईलेवल कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, इन अफसरों पर गिर सकती है गाज

4 जनवरी को उपद्रवियों ने रांची के किशोरगंज इलाके में सीएम हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला करने की कोशिश की थी. (फाइल फोटो)
CM Hemant Convoy Attack: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट में खुफिया तंत्र, ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पुलिस के अधिकारियों तक की लापरवाही सामने आई है.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: January 19, 2021, 10:37 PM IST
रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला (CM Hemant Convoy Attack) मामले में दो सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. रिपोर्ट गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप गई है. सूत्रों के मुताबिक इसमें कई स्तर पर लापरवाही की बात सामने आई है. अब इस रिपोर्ट की स्वयं सीएम समीक्षा करेंगे. फिर दोषी अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस कमेटी में राजस्व विभाग के सचिव केके सोन और आईजी मानवाधिकार अखिलेश कुमार झा शामिल थे.
रिपोर्ट में इन बातों का खुलासा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि सीएम की सुरक्षा में भारी चूक हुई. और हर स्तर पर लापरवाही बरती गई. खुफिया तंत्र, ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पुलिस के अधिकारियों तक की लापरवाही सामने आई है.
हाई लेवल कमेटी ने जांच में पाया कि सीएम का काफिला झारखंड सचिवालय से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकला था. अगर समय से हंगामे की सूचना वायरलेस पर प्रसारित हुई होती, तो काफिले को किशोरगंज के बदले दूसरे रास्ते पर डायवर्ट करा दिया जाता. लेकिन सूचना देर से आई, तब तक काफिला हरमू बाईपास रोड पहुंच गया था. मुख्यमंत्री के काफिले में डीएसपी स्तर के अधिकारी को रहना अनिवार्य है, लेकिन घटना के दिन काफिले में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल थे. घटनास्थल पर कोतवाली और सुखदेवनगर के थानेदार भी नहीं दिखाई दिए.नपेंगे जिम्मेवार अधिकारी
सीएम की समीक्षा के बाद इस मामले में जिम्मेवार व दोषी पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है. वैसे पहले ही रांची के सुखदेवनगर और कोतवाली थाने के तत्कालीन थानेदार को लाइन हाजिर किया जा चुका है.
बता दें कि गत 4 जनवरी को ओरमांझी में युवती की हत्या पर रांची के किशोरगंज में लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान सीएम के काफिले पर उपद्रवियों ने हमला करने की कोशिश की थी. सीएम के काफिले को दूसरे रूट से सीएम आवास ले जाया गया था. उपद्रवियों के हमले में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये थे.
रिपोर्ट में इन बातों का खुलासा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि सीएम की सुरक्षा में भारी चूक हुई. और हर स्तर पर लापरवाही बरती गई. खुफिया तंत्र, ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पुलिस के अधिकारियों तक की लापरवाही सामने आई है.
हाई लेवल कमेटी ने जांच में पाया कि सीएम का काफिला झारखंड सचिवालय से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकला था. अगर समय से हंगामे की सूचना वायरलेस पर प्रसारित हुई होती, तो काफिले को किशोरगंज के बदले दूसरे रास्ते पर डायवर्ट करा दिया जाता. लेकिन सूचना देर से आई, तब तक काफिला हरमू बाईपास रोड पहुंच गया था. मुख्यमंत्री के काफिले में डीएसपी स्तर के अधिकारी को रहना अनिवार्य है, लेकिन घटना के दिन काफिले में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल थे. घटनास्थल पर कोतवाली और सुखदेवनगर के थानेदार भी नहीं दिखाई दिए.नपेंगे जिम्मेवार अधिकारी
सीएम की समीक्षा के बाद इस मामले में जिम्मेवार व दोषी पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है. वैसे पहले ही रांची के सुखदेवनगर और कोतवाली थाने के तत्कालीन थानेदार को लाइन हाजिर किया जा चुका है.
बता दें कि गत 4 जनवरी को ओरमांझी में युवती की हत्या पर रांची के किशोरगंज में लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान सीएम के काफिले पर उपद्रवियों ने हमला करने की कोशिश की थी. सीएम के काफिले को दूसरे रूट से सीएम आवास ले जाया गया था. उपद्रवियों के हमले में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये थे.