र चर्चा के लिए आयोजित इस चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह करने वाले हैं. अब चुकि, झारखंड में ग्रह मंत्रालय सीएम हेमंत सोरेन के पास है (News18Hindi)
रांची: देश के गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात एक बार फिर नहीं हो सकेगी. हरियाणा के सुरजकुंड में 27 और 28 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृह मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है. देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चर्चा के लिए आयोजित इस चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करने वाले हैं. अब चुकि, झारखंड में ये मंत्रालय सीएम हेमंत सोरेन के पास है, इसलिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी न्योता भेजा है.
सूत्रों के अनुसार सीएम हेमंत इस शिविर में शामिल नहीं होंगे. उनके स्थान पर आयोजित इस शिविर में झारखंड का प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को सौंपी गई है. हरियाणा में 27 और 28 अक्टूबर को आयोजित चिंतन शिविर में देश भर के सभी राज्यों के गृह मंत्रियों को शामिल होना है . झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास ही गृह विभाग है. ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही थी कि बैठक के बहाने ही सही पर अमित शाह और हेमंत सोरेन की मुलाकात जरूर होगी लेकिन इस मुलाकात पर विराम लग गया है. आंतरिक सुरक्षा के विषय पर बुलाई गई इस बैठक में अब वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भाग लेंगे. गृह विभाग ने इस चिंतन शिविर को लेकर एजेंडा तैयार कर लिया है. पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर केंद्र सरकार के फंड पर भी चर्चा होगी.
राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चिंतन शिविर में शामिल नहीं होने को लेकर उन पर निशाना साधा है . बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने फेडरल सिस्टम का हवाला देते हुए कहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने की दुहाई देते है, तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार के साथ हाई लेवल मीटिंग से दूरी बनाते हुए दिख रहे है . उनका इस शिविर में भाग नहीं लेना ये दर्शाता है कि वो राज्य के आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.
बीजेपी के आरोप पर सत्ताधारी दल कांग्रेस ने पलटवार किया है . कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि केंद्र का इस राज्य के प्रति सौतेला व्यवहार तो सार्वजनिक हो चुका है. वर्तमान मामले को केंद्र सरकार से दूरी बनाने के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. वित्त मंत्री इस शिविर में भाग लेने जा रहे है. उनकी पृष्ठ भूमि पुलिस विभाग से हो रही है और वो आंतरिक सुरक्षा के मामलों को बेहतर तरीके से समझते है और अपनी बात केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष रखने में सक्षम है .
राज्य में हेमंत सोरेन सरकार बनने के बाद से ऐसा कई बार हुआ, जब केंद्र सरकार के द्वारा आहूत हाई लेवल मीटिंग से मुख्यमंत्री दूरी बनाते दिखे. कई बार मीटिंग में शामिल होने के बावजूद बोलने का मौका नहीं मिलने पर भी हेमंत सोरेन की नाराजगी दिखी. अब ऐसे में राज्य की जनता को इंतजार रहेगा जब केंद्र सरकार के आला मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सकारात्मक मुलाकात हो.
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