रिपोर्ट- शिखा श्रेया
रांची. कहा जाता है की जहां महादेव हो वहां नाग सांप ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि महादेव खुद गले में नाग को लपेट कर रखते हैं. इसलिए हिंदू धर्म में नाग देवता का दर्शन करना बेहद शुभ व दुर्लभ माना जाता है. खासकर अगर महादेव के मंदिर के पास अगर दर्शन हो जाए तो लोगों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं होता. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि रांची के एक पहाड़ में ऐसा तालाब मौजूद है जिसमें 15 से 20 नाग रहते हैं. इससे नाग तालाब भी कहा जाता है.
मंदिर ट्रस्टी के सदस्य रुदेश्वर ने News18 लोकल को बताया, ये तालाब आदिकाल से है. कहना मुश्किल है कितना पुराना होगा. लेकिन इसकी गहराई इतनी है कि आज तक कोई नाप नहीं पाया है. बहुत लोगों ने नापने की कोशिश की पर विफलता ही मिली है. इसकी खासियत यह है कि इसमें नाग रहते हैं. हालांकि लोगों ने 20 नाग देखा है. लेकिन अनुमान है की कम से कम 30 से 40 नाग मिल सकते हैं.
कभी किसी को नहीं काटते सांप
रूद्रेश्वर बताते हैं कि इतने सारे नाग रहते हैं, लेकिन आज तक कभी भी किसी नाग में किसी को काटा नहीं है. यहां पर बगल में महादेव का बहुत बड़ा मंदिर है व महादेव का स्वम्भू है जिस वजह से श्रद्धालुओं का यहां तांता लगा रहता है. खासकर इसी तालाब के जल से हाथ पैर धो कर मंदिर जाते हैं या कई बार इसी तालाब के पानी से स्नान भी करते हैं पर आज तक कभी भी किसी को नाग ने किसी तरह का कोई भी हानि नहीं पहुंचाई है.
वाल्मीकि जी ने बनाया था तालाब
रुदेश्वर बताते है, कहा जाता है वाल्मीकि जी ने इसी पहाड़ पर बैठकर तपस्या की थी और यहां पर अपने तपस्या से इस तालाब का निर्माण कराया था. इसी तालाब के पानी से और रोजमर्रा का काम किया करते थे. तालाब में 8 तरह की प्रजाति के नाग आपको देखने को मिलेंगे जैसे वासुकि, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय जैसे आठ मूल प्रजाति यहां देखने को मिलते हैं.
तालाब में स्नान करने आए प्रदीप कहते हैं, मैं कई सालों से इस तालाब में स्थान करता आ रहा हूं. लेकिन आज तक किसी नाग ने मुझे कोई हानि नहीं पहुंचाई है. साथ ही कई लोगों ने नाग को मारने की कोशिश भी की उनके साथ बहुत बुरा हादसा हुआ. तब से यहां पर किसी भी नाग को छेड़ा नहीं जाता व इनकी पूजा की जाती है.
अगर आप भी इस तालाब का दर्शन करना चाहते हैं तो आ जाइये रांची के नामकोम स्थित माराशिलि पहाड़ में. आप इस गूगल मैप का https://maps.google.com/?cid=14362873199384565907&entry=gps इस्तेमाल कर सकते हैं. यहां आने का सबसे अच्छा समय सुबह के 7:00 से लेकर शाम 5:00 बजे तक है
रांची के डोरंडा स्थित वन विभाग के अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि वहां कई तरह के नाग सांप पाए जाते हैं. जैसे शेष, वासुकि, कंबल, कर्कोटक. हमने वहां जाकर पहले देखा भी है पर किसी तरह का कोई खतरा नजर नहीं आया. सांप अधिकतर चट्टान के सुरंग में ही पाए जाते हैं. लेकिन नाग ने कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है व स्थानीय लोगों से भी कभी कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो हम भविष्य में जरूर संज्ञान लेंगे.
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