रांची. झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को शेल कंपनी और माइनिंग लीज मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई में दलीलें सुनीं. सुबह 10:30 बजे शुरू हुई यह सुनवाई शाम 4:30 बजे तक चली.
सुनवाई के दौरान सबसे पहले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखा. उसके बाद राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजीव कुमार ने योगेंद्र तिवारी के नाम पर सोहराय भवन, चान्हो में कल्पना मुर्मु सोरेन के नाम पर जमीन का जिक्र किया. वहीं शेल कंपनी मामले की सुनवाई के दौरान किसी अन्य याचिका का जिक्र करने पर अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट से माफी भी मांगी. मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी. 5 जुलाई को भी राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल अपना पक्ष रखना जारी रखेंगे. उसके बाद ईडी की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा. फिर सीएम की ओर से अधिवक्ता उनका पक्ष रखेंगे.
पिछली सुनवाई 23 जून को हुई थी, जिसमें कहा गया था कि याचिका से जुड़ा एफिडेविट सीएम के अधिवक्ता को सर्व नहीं की गई है. तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को आदेश दिया था कि वे सीएम के अधिवक्ता को संबंधित कॉपी सर्व करें. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल विदेश में थे. उन्होंने वहीं से ऑनलाइन जुड़कर राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा. अब 5 जुलाई को भी वह राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखना जारी रखेंगे.
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