झारखंड में शिक्षा विभाग (Education Department) के अजीबोगरीब फरमान से एक बार फिर शिक्षक (Teachers) परेशान हैं. विभाग मूल्यांकन के नाम पर महज खानापूर्ति करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रश्न पत्र उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. प्रश्न पत्र राज्य स्तर से जिला, प्रखंड व संकुल केंद्र को व्हाट्सऐप के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है. पदाधिकारी इसकी छायाप्रति विद्यालयों को उपलब्ध करायेंगे. विद्यालय द्वारा आकलन पत्र बच्चों में बांटा जाएगा. और बच्चे अपनी सुविधा अनुसार प्रश्न पत्र को हल करेंगे. यानी परीक्षा देंगे.
विभाग ने आकलन पत्र वितरण करने से पूर्व यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बच्चों को ज्ञान सेतु अभ्यास पुस्तिका मिल जाए. परीक्षा अभ्यास पुस्तिका के आधार पर होगी. इधर, शिक्षा विभाग के इस बेतुके फरमान से शिक्षक बेहद परेशान हैं. शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के इस फैसले का विरोध किया है.
शिक्षक संघ के सदस्य सुरेन्द्र झा ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा. रांची के जगन्नाथपुर मध्य विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार की माने तो सरकार के निर्देश के अनुरूप 29 जनवरी तक शिक्षक बच्चों के घर-घर जाकर प्रश्न पत्र मुहैया कराएंगे. सरकार ने कोरोना काल में डिजिटल शिक्षा देने की व्यवस्था की थी जो फेल रही. अब बच्चों की घर पर ही परीक्षा लेना महज खानापूर्ति नहीं तो और क्या है.
इधर, मूल्यांकन को लेकर उठ रहे सवाल का जवाब देने से शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बचते हुए दिख रहे हैं. जब क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अरविंद कुमार विलुंग से पूछा गया तो उन्होंने बच्चों के मूल्यांकन की बात कहते हुए जवाब देने से बचते नजर आए.
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FIRST PUBLISHED : January 19, 2021, 21:37 IST