BJP ने बांग्लादेशी घुसपैठिए तो JMM ने अयोध्या मुद्दे को आयोग के सामने उठाया
News18 Jharkhand Updated: November 20, 2019, 6:11 PM IST

विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने निर्वाचन आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर रांची पहुंची है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) की अगुआई में चुनाव आयोग (Election Commission) की टीम दो दिवसीय दौरे पर रांची पहुंची है. आयोग ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बारी-बारी बैठक कर उनका पक्ष जाना.
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- Last Updated: November 20, 2019, 6:11 PM IST
रांची. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तैयारियों का जायजा लेने रांची पहुंची चुनाव आयोग (Election Commission) की टीम ने सियासी दलों (Political Parties) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में भाजपा, कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम, आजसू पार्टी, सीपीआई सहित अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांग आयोग के सामने रखा. बीजेपी ने राज्य के कई जिलों में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये के मुद्दे को उठाया. वहीं जेएमएम ने अयोध्या के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का चुनाव में इस्तेमाल न हो, इसका आग्रह किया.
झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है. लिहाजा निर्वाचन आयोग ने इसके मद्देनजर तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता. बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा, सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा सहित कई अधिकारी चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने रांची पहुंचे. रांची पहुंचने पर आयोग ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बारी-बारी से बैठक की और उनका पक्ष जाना.
भाजपा की ओर से प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने राज्य के कई जिलों में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये का मामला आयोग के सामने उठाया और इन्हें चुनाव से दूर रखने की मांग की. वहीं चुनाव में विदेशी फंड के इस्तेमाल पर भी कार्रवाई की मांग की.
विपक्षी गठबंधन की ओर से कांग्रेस और जेएमएम के नेताओं ने आयोग के सामने पक्ष रखा. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने इंडियन फॉरेस्ट एक्ट में संशोधन को वापस लेने के केन्द्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की. साथ ही अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसला का चुनावी फायदा के लिए इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की मांग की. कांग्रेस ने पांच चरणों में चुनाव कराने का मुद्दा आयोग से समक्ष रखा और पार्टी की शिकायत पर आयोग की ओर से हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी. कांग्रेस ने 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही जगह पर डटे अधिकारियों को हटाने की भी मांग की.इनके अलावा सीपीआई, आजसू , जेवीएम ने भी अपनी बात आयोग के सामने रखा. किसी ने निर्वाचन कार्य में पारदर्शिता लाने की मांग की, तो किसी ने चुनावी ड्यूटी में लगाये जाने वाले जवानों पर नजर रखने की मांग की.
सियासी दलों के बाद आयोग ने प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीआईजी, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों की जानकारी ली और कई दिशा-निर्देश दिये. आयोग गुरुवार को आयकर, वाणिज्यकर, रेलवे, एयरपोर्ट और उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. इसके बाद मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी के साथ अहम बैठक होगी.
(रिपोर्ट- उपेन्द्र कुमार)ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव: JMM ने 6 प्रत्याशियों की एक और लिस्ट जारी की, मांडू में जेपी पटेल के खिलाफ बड़े भाई को उतारा
झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है. लिहाजा निर्वाचन आयोग ने इसके मद्देनजर तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता. बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा, सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा सहित कई अधिकारी चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने रांची पहुंचे. रांची पहुंचने पर आयोग ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बारी-बारी से बैठक की और उनका पक्ष जाना.
भाजपा की ओर से प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने राज्य के कई जिलों में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये का मामला आयोग के सामने उठाया और इन्हें चुनाव से दूर रखने की मांग की. वहीं चुनाव में विदेशी फंड के इस्तेमाल पर भी कार्रवाई की मांग की.
विपक्षी गठबंधन की ओर से कांग्रेस और जेएमएम के नेताओं ने आयोग के सामने पक्ष रखा. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने इंडियन फॉरेस्ट एक्ट में संशोधन को वापस लेने के केन्द्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की. साथ ही अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसला का चुनावी फायदा के लिए इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की मांग की. कांग्रेस ने पांच चरणों में चुनाव कराने का मुद्दा आयोग से समक्ष रखा और पार्टी की शिकायत पर आयोग की ओर से हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी. कांग्रेस ने 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही जगह पर डटे अधिकारियों को हटाने की भी मांग की.इनके अलावा सीपीआई, आजसू , जेवीएम ने भी अपनी बात आयोग के सामने रखा. किसी ने निर्वाचन कार्य में पारदर्शिता लाने की मांग की, तो किसी ने चुनावी ड्यूटी में लगाये जाने वाले जवानों पर नजर रखने की मांग की.
सियासी दलों के बाद आयोग ने प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीआईजी, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों की जानकारी ली और कई दिशा-निर्देश दिये. आयोग गुरुवार को आयकर, वाणिज्यकर, रेलवे, एयरपोर्ट और उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. इसके बाद मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी के साथ अहम बैठक होगी.
(रिपोर्ट- उपेन्द्र कुमार)ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव: JMM ने 6 प्रत्याशियों की एक और लिस्ट जारी की, मांडू में जेपी पटेल के खिलाफ बड़े भाई को उतारा
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First published: November 20, 2019, 6:10 PM IST