17-19 फरवरी तक कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित होगा.
रांची. दिल्ली दरबार से आलाकमान का आदेश और टास्क लेकर झारखंड कांग्रेस के विधायक और मंत्री रांची लौट आए हैं. संगठन की मजबूती, संगठन के विस्तार और संगठन में एकजुटता पर कांग्रेस के नेता काम करते हुए नजर आएंगे. 17 से 19 फरवरी तक आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर को लेकर कांग्रेस के नेता उत्साहित नजर आ रहे हैं. इस चिंतन शिविर में न सिर्फ संगठन को सर्वोपरी बनाने, बल्कि सरकार में रहने के नफा-नुकसान पर भी विस्तार से चर्चा होगी. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अनुसार, तीन दिवसीय चिंतन शिविर से संगठन को बहुत कुछ मिलने जा रहा है. पार्टी आगामी कार्यक्रम के साथ सरकार में अपनी दमदार उपस्थिति की कार्ययोजना भी तैयार करेगी.
लंबे समय के बाद दिल्ली में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के नए-पुराने और अनुभवी नेताओं की मुलाकात ने पार्टी के अंदर नई ऊर्जा का संचार कर दिया है. ददई दुबे से लेकर फुरकान अंसारी जैसे नेता फिर एकबार हुंकार भरने को तैयार दिख रहे है. कल तक खुद की सरकार और संगठन को आईना दिखाने वाले फुरकान अंसारी अब पारा शिक्षकों के साथ सरकार का न्याय और किसानों की कर्जमाफी का बखान करने में जुट गए हैं. वहीं बंधु तिर्की जैसे कांग्रेस के विधायक विस्थापन-नियोजन-नियुक्ति-सरना धर्म कोड पर मुखर दिख रहे हैं. ये तेवर भविष्य की राजनीति की ओर इशारा कर रहा है.
झारखंड कांग्रेस फिलहाल खुद को टूटने से बचाने में जुट गई है. आए दिन कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने की अफवाह राजनीतिक गलियारों में उड़ती रहती है. इन सबसे दूर झारखंड कांग्रेस इस बार अपने विरोधियों की चिंता बढ़ाने के लिए चिंतन शिविर में भविष्य की राजनीति पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में जुट गई है.
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