रिम्स में 370 पदों पर नर्सों की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगावाए गए.
रांची. झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में पिछले 2 साल से नर्सों की नियुक्ति का विज्ञापन निकल रहा है, लेकिन ये नियुक्तियां कभी पूरी नहीं हो पाईं. अब फिर से 370 नर्सों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है.
बता दें कि कई साल से रिम्स में नर्सों की कमी का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. हालत यह है कि 2000 मरीजों की देखभाल करने के लिए सिर्फ 379 नर्स यहां काम कर रही हैं. जबकि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अनुसार, जनरल वॉर्ड में तीन बेड पर एक नर्स का होना जरूरी है, यानी 24 घंटे के लिए 3 बेड के लिए तीन नर्स. इसी तरह आईसीयू में हर मरीज के लिए हमेशा एक नर्स चाहिए, ओटी-लेबर रूम और आउटडोर के लिए भी नर्सों की जरूरत पड़ती है. उस हिसाब से नर्सों की संख्या रिम्स में काफी कम है.
नर्सों की कमी का आलम यह है कि जनरल वॉर्ड में 15 मरीजों पर एक नर्स रहती है. रिम्स में लगभग 2500 बेड हैं. यहां भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए सिर्फ 379 नर्स कार्यरत हैं. बता दें कि रिम्स में प्रतिदिन ओपीडी में 3000 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इनमें काफी संख्या में मरीजों को विभिन्न वॉर्डों के साथ-साथ आईसीयू में भर्ती किया जाता है.
सामान्यत: आईसीयू में दो बेड पर एक नर्स बेहद जरूरी हैं. आईसीयू में अतिगंभीर मरीजों का इलाज होता है. वहीं जनरल वार्ड में 6 से 7 मरीजों पर एक नर्स की जरूरत होती है. लेकिन रिम्स के जनरल वॉर्ड में 15 मरीजों पर एक नर्स हैं. इससे नर्सों के साथ-साथ भर्ती मरीजों को काफी परेशानी होती है. रिम्स में 900 नर्स की जरूरत है, जिनमें सिर्फ 379 नर्स ही कार्यरत हैं. फिलहाल रिम्स नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को भी इनडोर में ड्यूटी पर लगाया गया है, जो मैनपावर की कमी कवर कर रहे हैं.
रिम्स में ए ग्रेड नर्स के 370 पदों पर नियुक्ति होगी. इनमें 350 पद नियमित और 20 पद बैकलॉग के हैं. इन पदों पर नियुक्ति के लिए 2 से 31 मई तक ऑनलाइन आवेदन मागा गया था. इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता बीएससी नर्सिंग या जीएनएम में डिप्लोमा के अलावा 50 बेड के अस्पताल में 2 वर्ष कार्य करने का अनुभव है. रिम्स शासी परिषद की 50वीं बैठक में किए गए निर्णय के अनुसार, पुरुष परिचारिकाओं (ए ग्रेड नर्स) की अधिकतम सीमा 20 प्रतिशत होगी. इस तरह इतने पदों पर पुरुष अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति हो सकेगी.
हॉस्पिटल में हमेशा 2000 मरीज एडमिट रहते हैं. कई बार तो बेड से अधिक मरीज होने की स्थिति में जमीन पर बेड लगाकर उनका इलाज किया जाता है. चूंकि हॉस्पिटल से मरीज को किसी भी हाल में नहीं लौटाने का निर्देश है. लेकिन मरीजों की देखभाल के लिए मैनपावर आधा भी नहीं है. इस वजह से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
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Tags: Jharkhand news, Recruitment of Staff Nurses, RIMS