Jharkhand Election Result 2019: ऐड़ी-चोटी का जोर लगा कर भी कोई नहीं रोक सका नलिन की जीत का सिलसिला, 7वीं बार फहराया परचम
Jharkhand Election Result 2019: ऐड़ी-चोटी का जोर लगा कर भी कोई नहीं रोक सका नलिन की जीत का सिलसिला, 7वीं बार फहराया परचम
लगातार छह बार निर्वाचित होने वाले नलिन सोरेन के अलावा कोई दूसरा विधायक नहीं हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से नलिन सोरेन 1990, 1995, 2000, 2005, 2009, 2014 और अब 2019 के चुनाव में भी अपने विरोधियों को धूल चटाने में सफल रहे. नलिन सोरेन के सामने पिछले चुनाव में जेवीएम (JVM) से किस्मत आजमाने वाले पारितोष सोरेन (Paritosh Soren) इस बार बीजेपी (BJP) से प्रत्याशी हैं.
रांची. झारखंड की राजनीति में अपने कद के अनुसार ही दमखम रखने वाले नलिन सोरेन ने एक बार फिर अपना लोहा मनवा दिया है. उन्होंने 7वीं बार शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. कभी मधु कोड़ा सरकार में कृषि मंत्री रहे नलिन सोरेन पर बीजों की खरीद में अनियमितता का आरोप लगा. इस दौरान राज्य से लेकर केंद्र तक सोरेन का नाम चर्चा में आया. लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए उन्होंने एक बार फिर खुद को साबित किया. झारखंड विधानसभा में एक ही पार्टी और एक ही क्षेत्र से लगातार सात बार निर्वाचित होने वाले नलिन सोरेन के अलावा कोई दूसरा विधायक नहीं हैं. झामुमो ने 1990 में डेविड मुर्मू का टिकट काट कर पहली बार नलिन सोरेन को प्रत्याशी बनाया था. 1990 के विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन निर्वाचित हुए तब से अब तक लगातार इस सीट पर उनका कब्जा बरकरार है. शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट पर पांचवें चरण में 20 दिसंबर 2019 को मत डाले गए थे.
नलिन लगातार 6 बार शिकारीपाड़ा सीट जीत चुके हैं
नलिन सोरेन ने 1990, 1995, 2000, 2005, 2009 और 2014 के चुनाव में अपने विरोधियों को धूल चटाने में सफल रहे थे. नलिन सोरेन के सामने पिछले चुनाव में जेवीएम से किस्मत आजमाने वाले पारितोष सोरेन इस बार बीजेपी से प्रत्याशी हैं. वहीं राजेश मुर्मू जेवीएम और श्याम मरांडी आजसू से इस सीट पर उम्मीदवार हैं.
नलिन सोरेन के सामने पिछले चुनाव में जेवीएम से किस्मत आजमाने वाले पारितोष सोरेन इस बार बीजेपी से प्रत्याशी हैं.
नलिन सोरेन मधु कोड़ा सरकार में मंत्री भी रहे हैं. मधु कोड़ा सरकार में सोरेन कृषि मंत्री थे. बीजों की खरीद में अनियमितता बरतने का उन पर आरोप भी लगा था. झारखंड में संथाल परगना प्रमंडल के दुमका लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा शिकारीपाड़ा झामुमो का मजबूत किला माना जाता रहा है. नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र से झामुमो को उखाड़ने के लिए बीजेपी ने पिछले चुनावों में मामूली मतों से पराजित होनेवाले परितोष सोरेन को और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने राजेश मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अलावा कुछ अन्य दल एवं निर्दलीय प्रत्याशी भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
दुमका जिले के शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में दलित समुदाय के नेता के तौर पर पहचान रखने वाले नलिन सोरेन का किसान और मजदूर वर्ग के मतदाताओं पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. काठीकुंड थाना क्षेत्र के शिवताला इलाके में रहने वाले नलिन सोरेन का जन्म 1948 में जादू सोरेन के घर हुआ था. 12वीं की शिक्षा पूरी करने बाद नलिन सोरेन ने विज्ञान से स्नातक करने के इरादे से भागलपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, लेकिन वह विभिन्न कारणों के चलते पहले साल का कोर्स ही पूरा कर सके.
दलित समुदाय के नेता के तौर पर पहचान
शिकारीपाड़ा सीट झारखंड के दुमका जिला और पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले की सीमा पर स्थित है. 1952 में शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया, हालांकि पहले, दूसरे और तीसरे विधानसभा के चुनाव में इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति में बदलाव होता रहा.