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झारखंड में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, इन चीजों पर लगेगी सख्त पाबंदी, जानें डिटेल

झारखंड में भी सिंगल यूज प्लास्टिक  (Jharkhand Single use Plastic Ban) पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है.

झारखंड में भी सिंगल यूज प्लास्टिक (Jharkhand Single use Plastic Ban) पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है.

Single use Plastic Ban: झारखंड में भी सिंगल यूज प्लास्टिक  (Jharkhand Single use Plastic Ban) पर रोक लगाने की तैयारी की ...अधिक पढ़ें

रांची. झारखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक  (Jharkhand Single use Plastic Ban) पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है. राज्य में एक जुलाई से प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ ही थर्माकोल के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई जाएगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के इस निर्देश पर अमल करते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बाबत नाेटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसकी पुष्टि प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव वाइके दास ने की है.

सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें इसके उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है. एक जुलाई तक की समय सीमा इसलिए निर्धारित की गई है कि ताकि इससे जुड़े सभी पक्ष अपने स्टाक को खत्म कर दें. बता दें कि प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, थर्माकोल, प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक आदि को सख्त पाबंदी के दायरे में लाया जाएगा.

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है
सिंगल यूज प्लास्टिक यानी जिसका इस्तेमाल एक ही बार किया जाता है. प्लास्टिक की थैलियां, प्याले, प्लेट, छोटी बोतलें, स्ट्रॉ और कुछ पाउच सिंगल यूज प्लास्टिक हैं. आधी से ज्यादा इस तरह की प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित उत्पाद होते हैं. इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है. यही वजह है कि रोजाना के बिजनेस और कारोबारी इकाइयों में इसका इस्तेमाल खूब होता है. इसके उत्पादन पर खर्च कम  आता है लेकिन फेंके गए प्लास्टिक के कचरे, उसकी सफाई और उपचार पर काफी खर्च होता है.

बता दें कि पर्यावरण के लिए प्लास्टिक (Plastic)  कितना हानिकारक है इसका अंदाजा आज सबको लग चुका है. इसके बावजूद लोग अंधाधुंध तरीके से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. नतीजन हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

दरअसल, प्लास्टिक बैगों को इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है, तो यह पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन जाता है. यह भूमि को प्रदूषित करने के साथ ही पेड़-पौधों और फसलों के वृद्धि व उत्पादन को भी प्रभावित करता है. इसके द्वारा जंगली पौधे और खेती की फसल दोनों ही प्रभावित होते हैं. इस स्थिति में कई राज्यों में प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.

Tags: Jharkhand news, Plastic waste, Single use Plastic

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