रांची. हॉकी में झारखंड की बेटियां लगातार देश और दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं. FIH हॉकी प्रो लीग के लिए घोषित भारतीय टीम में झारखंड की तीन खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया है. इसमें निक्की प्रधान, सलीमा टेटे और संगीता कुमारी शामिल हैं. निक्की प्रधान के चयन के साथ ही खूंटी के हेसल और रांची के रेलवे कॉलोनी में निक्की के घर में खुशियों का दौर शुरू हो गया. घर में मेहमानों का आना जाना भी शुरू हो गया है. खूंटी के हेसल गांव से निक्की के मौसा और मौसी समेत कई लोग रांची स्थित आवास पर पहुंच चुके हैं. निक्की मां ने कहा कि बेटियों ने हमेशा ही उन्हें गौरव का एहसास कराया है.
निक्की की मां जीतन देवी ने कहा कि जब निक्की का जन्म हुआ था तब उसके पिता बेटे की आस लगाये हुए थे. लेकिन जैसे ही तीसरी बार बेटी का जन्म हुआ तो उन्होंने नाराज होकर बिहार पुलिस की नौकरी छोड़ दी. लेकिन आज वहीं पिता अपनी बेटी पर गर्व करते नहीं थकते. आपको बता दें कि निक्की चार बहन और एक छोटा भाई है.
दो बार की ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी निक्की प्रधान को सम्मान तो बहुत मिला. लेकिन राज्य सरकार की ओर से किया गया एक वादा अब तक पूरा नहीं किया गया. निक्की की मां जीतन देवी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से रांची या खूंटी में जमीन पर पक्का घर बनाकर देने का वादा किया गया था. लेकिन उस वादे को आज तक पूरा नहीं किया गया.
निक्की की छोटी बहन सरिना प्रधान ने बताया कि जब ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने के बाद निक्की प्रधान और सलीमा टेटे रांची लौटीं तब राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये और जमीन पर पक्का घर बनाने का वादा दिया गया था. पैसे तो मिल गये, लेकिन घर का वादा आजतक पूरा नहीं हुआ. राज्य सरकार की ओर से पूछा गया था कि वह खूंटी के हेसल या फिर रांची में कहीं भी इच्छानुसार घर ले सकती है तब परिवार ने रांची का चुनाव किया था. लेकिन आज भी राज्य सरकार के उस वादे का इंतजार परिवार कर रहा है.
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