झारखंड : बजट सत्र में सारे सवालों के ठोस जवाब देकर विपक्ष को निरुत्तर करेगी सरकार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर सत्ताधारी दल के सभी नेताओं ने बजट सत्र के लिए रणनीति बनाई.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई सत्ताधारी दलों की संयुक्त बैठक में बनाई गई रणनीति. विपक्ष के हर सवाल का ठोस जवाब देना है. बाबूलाल मरांडी के मुद्दे पर भी बनाई खास रणनीति.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 11:56 PM IST
रांची. झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) का बजट सत्र (Budget Session) कल से शुरू हो रहा है. उससे ठीक पहले सदन के अंदर भाजपा-आजसू (BJP-AJSU) के हर सवाल का कैसे और किस अंदाज में जवाब दिया जाए, इसकी रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने कैबिनेट सहयोगियों और विधायकों के साथ बैठक की.
करारा जवाब देने की तैयारी
सूत्र बताते हैं कि बजट सत्र के दौरान सरकार शांतिपूर्वक सत्र चलाने की इच्छा रखती है. पर साथ ही यह भी रणनीति बनी है कि किसी भी मुद्दे पर विपक्ष को ठोस जवाब देकर निरुत्तर कर दिया जाए.
मरांडी के नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर भी खास रणनीतिबाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता अभी तक स्पीकर द्वारा नहीं दिए जाने को लेकर अगर भाजपा ने अगर सदन में हंगामा किया तो उससे निपटने के लिए भी सत्तापक्ष की खास तैयारी है.
असहज करने वाले प्रश्नों से परहेज करें सत्ताधारी दल के विधायक
आज सत्ताधारी दलों की बैठक में वरीय नेताओं और मंत्रियों ने इस बात पर भी विचार किया कि कई बार अपने विधायक ही ऐसा सवाल पूछने लगते हैं कि असहजता महसूस होने लगे. ऐसे सवालों से सत्ताधारी दलों के विधायक बचें और सभी यह बताने का प्रयास करें कि कैसे कोरोना काल जैसी विकट स्थिति में कम संसाधनों के साथ भी हेमंत सरकार ने बेहतरीन काम किया है. कैसे राज्य में कोरोना काल में मनरेगा के तहत रिकॉर्ड जॉब सृजित किए गए. कैसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन, बस और यहां तक कि हवाई जहाज से वापसी कराया गया और कैसे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरे कोरोना काल में सक्रिय रखा गया. सरकार के उठाए कदम का ही असर था कि जनसहयोग से कोरोना को राज्य में खौफनाक रूप नहीं लेने दिया गया और राज्य में कोरोना की रिकवरी रेट 98% से भी ऊपर है.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक
बजट सत्र के शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई सत्ताधारी दलों की संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा मंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, चम्पई सोरेन, बादल पत्रलेख, 20 सूत्री उपाध्यक्ष स्टीफन मरांडी, प्रदीप यादव, मथुरा महतो सहित सभी विधायक शामिल हुए.
करारा जवाब देने की तैयारी
सूत्र बताते हैं कि बजट सत्र के दौरान सरकार शांतिपूर्वक सत्र चलाने की इच्छा रखती है. पर साथ ही यह भी रणनीति बनी है कि किसी भी मुद्दे पर विपक्ष को ठोस जवाब देकर निरुत्तर कर दिया जाए.
असहज करने वाले प्रश्नों से परहेज करें सत्ताधारी दल के विधायक
आज सत्ताधारी दलों की बैठक में वरीय नेताओं और मंत्रियों ने इस बात पर भी विचार किया कि कई बार अपने विधायक ही ऐसा सवाल पूछने लगते हैं कि असहजता महसूस होने लगे. ऐसे सवालों से सत्ताधारी दलों के विधायक बचें और सभी यह बताने का प्रयास करें कि कैसे कोरोना काल जैसी विकट स्थिति में कम संसाधनों के साथ भी हेमंत सरकार ने बेहतरीन काम किया है. कैसे राज्य में कोरोना काल में मनरेगा के तहत रिकॉर्ड जॉब सृजित किए गए. कैसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन, बस और यहां तक कि हवाई जहाज से वापसी कराया गया और कैसे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरे कोरोना काल में सक्रिय रखा गया. सरकार के उठाए कदम का ही असर था कि जनसहयोग से कोरोना को राज्य में खौफनाक रूप नहीं लेने दिया गया और राज्य में कोरोना की रिकवरी रेट 98% से भी ऊपर है.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक
बजट सत्र के शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई सत्ताधारी दलों की संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा मंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, चम्पई सोरेन, बादल पत्रलेख, 20 सूत्री उपाध्यक्ष स्टीफन मरांडी, प्रदीप यादव, मथुरा महतो सहित सभी विधायक शामिल हुए.