Jharkhand : 10 लाख रुपये का इनामी नक्सली जीवन कंडुलना ने किया सरेंडर, असलहे बरामद

रांची पुलिस लाइन में समर्पण करते वक्त नक्सली रहे जीवन कंडुलना को सरकार की ओर से दो लाख रुपये का चेक दिया गया.
जीवन कंडुलना पर 72 आपराधिक मामले दर्ज हैं. आत्मसमर्पण के वक्त उसे 2 लाख का चेक मिला. जीवन पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा थी, जो उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: February 28, 2021, 8:28 PM IST
रांची. भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर (Zonal Commander) जीवन कंडुलना उर्फ पतरस कंडुलना ने रांची पुलिस लाइन (Ranchi Police Line) में आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया. करीब 10 वर्षों से जीवन को पुलिस रही थी. पुलिस ने उसकी तलाश में तकरीबन 4 हजार सर्च ऑपरेशन भी चलाए थे. जीवन कंडुलना पर 72 आपराधिक मामले दर्ज हैं. आत्मसमर्पण करने के साथ ही जीवन को 2 लाख का चेक मिला. आपको बता दें कि जीवन पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा थी, यह राशि उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
सरकार की नीतियों से प्रभावित हुआ कंडुलना
कुख्यात नक्सली जीवन कंडुलना 2009 से अबतक सक्रिय रहा. वह खूंटी के रानिया का रहनेवाला है. आत्मसमर्पण के बाद कंडुलना ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति और विकास कार्यों से प्रभावित होकर उसने सरेंडर किया. वही कंडुलना ने अपने दूसरे साथियों से भी मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. कंडुलना ने बताया कि संगठन में झारखंड के कैडरों का शोषण होता है.
कंडुलना की निशानदेही पर असलहे बरामदजीवन की निशानदेही पर 4 रायफल, ग्रेनेड, केन बम, तीर आईईडी और सैकड़ों कारतूस बरामद किए गए. मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर हार्डकोर नक्सली जीवन कंडुलना मुख्यधारा में लौटा. जो स्वागत योग्य है. वहीं, उपायुक्त छवि रंजन ने भी इसका स्वागत किया और कहा कि सरकार की पॉलिसी के साथ-साथ अगर कंडुलना को अपनी जिंदगी में कुछ करने की इच्छा हो तो प्रशासन उसका साथ देगा.
संगठन में कंडुलना का महत्त्व कम हुआ था
बहरहाल जीवन कंडुलना के सरेंडर से पुलिस ने चैन की सांस ली है. हालांकि यह भी जानकारी है कि कंडुलना को हाल के दिनों में संगठन में कोई खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण भी उसका संगठन से मोहभंग हुआ था.
सरकार की नीतियों से प्रभावित हुआ कंडुलना
कुख्यात नक्सली जीवन कंडुलना 2009 से अबतक सक्रिय रहा. वह खूंटी के रानिया का रहनेवाला है. आत्मसमर्पण के बाद कंडुलना ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति और विकास कार्यों से प्रभावित होकर उसने सरेंडर किया. वही कंडुलना ने अपने दूसरे साथियों से भी मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. कंडुलना ने बताया कि संगठन में झारखंड के कैडरों का शोषण होता है.
संगठन में कंडुलना का महत्त्व कम हुआ था
बहरहाल जीवन कंडुलना के सरेंडर से पुलिस ने चैन की सांस ली है. हालांकि यह भी जानकारी है कि कंडुलना को हाल के दिनों में संगठन में कोई खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण भी उसका संगठन से मोहभंग हुआ था.