रिपोर्ट-संजय सिन्हा
रांची. झारखंड में जेपीएससी परीक्षा (JPSC Exam) से विवादों का नाता कम होता नजर नहीं आ रहा है. सातवीं से दसवीं जेपीएससी मेंस की होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. दरअसल. झारखंड हाईकोर्ट में सातवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी. इसके पीछे दलील दी गई थी पीटी परीक्षा में 2021 नियमावली के तहत आरक्षण का प्रावधान नहीं है. ऐसे में आरक्षण को लागू कर गलत तरीके से पीटी परीक्षा के रिजल्ट को निकाला गया है, जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता के पक्ष को सही माना. वहीं राज्य सरकार ने भी जेपीएससी से इंक्वायरी करने के बाद अपनी गलती को स्वीकार कर लिया. अब झारखंड हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 3 हफ्ते के अंदर संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा. वहीं 28 जनवरी से होने वाली मेंस परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है.
मामले के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने जानकारी देते हुए बताया कि पीटी में आरक्षण दिए जाने की वजह से सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम हो गई थी, जबकि विज्ञापन में पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं था. नियमावली के विपरीत पीटी परीक्षा में आरक्षण को लागू कर दिया गया. मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जेपीएससी से पूछा कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया गया है या नहीं. साथ ही यह भी पूछा कि सातवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के कितने अभ्यर्थी सामान्य केटेगरी में सफल हुए हैं.
आपको बता दें कि सातवीं जेपीएससी परीक्षा में सामान्य कैटेगरी में 114 सीट है. ऐसे में नियमानुसार सामान्य कैटेगरी के सीट के अनुसार, 15 गुना रिजल्ट पीटी परीक्षा में जारी करना चाहिए था. लेकिन पीटी परीक्षा में मात्र 768 सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया. पीटी परीक्षा में इसी आरक्षण के गलत आधार को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अधिवक्ता अमितांश वत्स ने बताया कि कोर्ट के इस फैसले से सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके साथ पीटी परीक्षा में नाइंसाफी हुई थी.
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