रिपोर्ट – शिखा श्रेया
रांची. चाहे लोग देश में रहे या विदेश में एक चीज जो हमेशा घर का याद आता है तो वह है घर का अचार. जी हां, अचार भले दिखने में छोटी सी चीज लगती हो लेकिन खाने में अचार का तड़का खाना का स्वाद 4 गुना बढ़ा देता है. झारखंड की राजधानी रांची के गांधी शिल्प मेले में लगे शंभू कुमार का अचार भी कुछ ऐसा ही है, जो एक बार जो खाले वो जिंदगी भर इनका स्वाद ना भूले.
रांची निवासी शंभू कुमार ने News 18 Local को बताया, परदादा के जमाने से अचार बनाने का काम हमारे घर में चलते आ रहा है. मैंने बचपन से ही अचार बनाते देखा है.इसलिए अचार बनाने में माहिर हो गया. अचार को बहुत ही बारीकी से बनाया जाता है, हर चीज को बहुत ही नापतोल कर डाला जाता है.साथ ही शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है तभी वो स्वाद निकल कर सामने आता है.
अचार में शुद्धता काफी मायने रखती है
शंभू बताते हैं, अचार बनाते समय जो एक चीज सबसे मायने रखती है वह है शुद्धता.हर एक मसाले व खड़े मसाले को मैं बाजार से खरीद कर अपने हाथों से धोकर पहले पिसता हूं.फिर उसे उपयोग करता हूं इसी वजह से अचार स्वादिष्ट बनता है.साथी हर एक मसाले का अपना नाप होता है इसे काफी सोच समझकर डाला जाता है.
शंभू बताते हैं, हमने महुआ का अचार बनाना भी शुरू किया, महुआ से अमूमन शराब बनता है.लेकिन लोगों को इसका स्वाद भी काफी भा रहा है.साथी सेब का मुरब्बा लोगों के लिए यहां नया है.इस नए तरह के अचार को भी ट्राई करते रहता हूं.
नेता तक पसंद करते, अमेरिका तक ले जाते हैं अचार
शंभू बताते हैं, रांची के सांसद संजय सेठ व मंत्री बन्ना गुप्ता तक मेरे अचार को काफी पसंद करते हैं. मेले में जब भी लगाता हूं तो हमेशा 2-3 किलो तक मंगवाते हैं. साथी ऐसे कई लोग हैं जो अमेरिका से भी आते हैं व 2 से 4 किलो अपने साथ विदेश भी चले जाते हैं. इन लोगों के बीच खासकर आम की मीठी अचार, आंवला का मीठा मुरब्बा, करेले का अचार खासा पसंद की जाती है.
40 वैरायटी के अचार
शंभू बताते हैं, मेरे पास 40 वैरायटी के अचार है और सब के दाम 70 रुपए का पाव हैं. अचार में आम के चार वैरायटी, करेला, इमली के चार वैरायटी, आनानस, टेंटी के 5 वैरायटी, पपीता, अंगूर, सेब, मिर्ची के तीन वैरायटी, अवाला के 5 वैरायटी , लहसन, बेर, कटहल, निंबू, मूली, बांस के तीन वैरायटी, अदरक के दो वैरायटी, गाज़र, ओल, अमड़ा, मेथी, कटका का अचार शामिल हैं.
अगर आप भी शंभू के बनाए गए अचार को चखना चाहते हैं, तो आ जाइए रांची के मोराबादी मैदान में लगे गांधी शिल्प मेले के स्टॉल नंबर 1 में. यहां आने के लिए आप गूगल मैप का उपयोग कर सकते हैं. यह मेला एक अप्रैल तक चलेगा. https://maps.app.goo.gl/RTuCwcEe8a4jo8qr9
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