दल-बदल मामले में लंबी सुनवाई के बाद विधानसभा न्यायाधिकरण ने
फैसला सुनाते हुए सभी 6 विधायकों को
राहत दी है. न्यायाधिकरण ने विधायकों की सदस्यता को बरकरार रखा है. साथ ही जेवीएम सुप्रीमो की विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया. स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि सभा पहलुओं को समझने के बाद ये फैसला सुनाया गया. स्पीकर ने विधायकों की जेवीएम के बीजेपी में विलय की दलील को सही ठहराया है.
बाबूलाल ने दायर की थी याचिका
दरअसल 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के सिंबल पर जीतकर आए छह विधायकों ने चुनाव के ठीक बाद बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके खिलाफ जेवीएम सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की. हालांकि विधायकों ने इसे दल- बदल नहीं जेवीएम का बीजेपी में विलय करार देते हुए अपनी दलील पेश की.
चार साल से ज्यादा चली सुनवाई
12 फरवरी 2015 से विधानसभा न्यायाधिकरण में इस पर सुनवाई शुरू हुई. 95 से ज्यादा सुनवाई में 52 लोगों ने गवाही दी. इसके बाद 12 दिसंबर 2018 को सुनवाई पूरी कर स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया. अब चार साल से अधिक समय बाद इस मामले पर फैसला आया है.
ये विधायक हुए थे शामिल
नवीन जायसवाल,विधायक, हटिया
रणधीर कुमार सिंह,विधायक, सारठ (कृषिमंत्री )
जानकी यादव,विधायक ,विधायक ,बरकट्ठा ( आवास बोर्ड के अध्यक्ष )
आलोक चौरसिया ,विधायक ,डाल्टनगंज ( वन निगम के अध्यक्ष )
गणेश गंझू,विधायक ,विधायक ,सिमरिया ( कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष )
अमर कुमार बाउरी,विधायक ,चंदनक्यारी (खेल एवं युवा मामले के मंत्री )
इनपुट- उपेन्द्र कुमार
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Tags: Babulal marandi, Jharkhand news, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : February 20, 2019, 15:52 IST