झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर होने जा रहा है। ऐसी संभावना है कि बुधवार को झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का भाजपा में विलय हो जाएगा। यदि ऐसा होता है तो झाविमो के बड़े चेहरों में केवल बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव ही रह जाएंगे।
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर होने जा रहा है। ऐसी संभावना है कि बुधवार को झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का भाजपा में विलय हो जाएगा। यदि ऐसा होता है तो झाविमो के बड़े चेहरों में केवल बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव ही रह जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने कहा कि भाजपा में विलय को लेकर संबंधित प्रस्ताव झाविमो की ओर से आया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी भाजपा में वापस लौटेंगे।
उल्लेखनीय है कि झाविमो के सात विधायक पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। झाविमो के इन विधायकों के शामिल होने पर भाजपा विधायकों की संख्या 17 से बढ़कर 24 हो गई है। अब विधानसभा में झाविमो विधायकों के नंबर 11 से सिमटकर केवल चार रह गए हैं। झारखंड विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 81 है।
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा 'मिशन 42' को लेकर मैदान में उतरने जा रही है। ऐसे में अमित शाह और उनकी टीम की नजर झारखंड की कुर्सी पर है।
इधर, झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव प्रवीण सिंह ने माना कि कहीं ना कहीं पार्टी में कोई कमी है। इस वजह से कार्यकर्ता लगातार नाराज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने वाले कोई प्रत्याशी पार्टी छोड़ता है तो उसमें वो अपना फायदा देखता है। मगर कार्यकर्ता पार्टी छोड रहे हैं तो इससे पता चलता है कि पार्टी में कुछ कमी है।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि भाजपा में शामिल होने वाले दूसरे दलों के विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। जेवीएम विधायकों को 21 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
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