जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में लालू के खिलाफ अब 5 फरवरी को सुनवाई, सरकार से मांगा रिवाइज्ड SOP

रिम्स में भर्ती लालू यादव की तबीयत बिगड़ गई है. उनके लंग्स में इन्फेक्शन की शिकायत है. (फाइल फोटो)
Lalu Yadav Jail Manual Violation: शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को ये बताया गया कि कैदियों के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को लेकर क्या प्रावधान (एसओपी) हैं.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: January 22, 2021, 1:56 PM IST
रांची. चारा घोटाले (Fodder Scam) में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) के जेल मैनुअल उल्लंघन (Jail Manual Violation) मामले में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High court) में सुनवाई हुई. इस दौरान न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में होटवार जेल प्रबंधन की ओर जेल मैनुअल पर एसओपी पेश किया गया. कोर्ट ने इसे गंभीरता से पालन कराने का निर्देश देते हुए जेल प्रबंधन से रिवाइज्ड एसओपी मांगा है. उधर, रिम्स प्रबंधन से लालू की मेडिकल रिपोर्ट मांगी गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को ये बताया गया कि कैदियों के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को लेकर क्या प्रावधान (एसओपी) हैं. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि रिवाइज्ड एसओपी गृह सचिव के पास भेजा गया है. उन्हें 2 सप्ताह का समय दिया जाए ताकि रिवाइज एसओपी पर निर्णय लिया जा सके. कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है.
रिम्स से मांगी मेडिकल रिपोर्ट
हालांकि कोर्ट के पिछले आदेश के तहत रिम्स की ओर से लालू यादव की मेडिकल रिपोर्ट शुक्रवार को नहीं दाखिल की गई. इस पर अदालत ने रिम्स को जवाब देने के लिए रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि लालू यादव की सुरक्षा में कितने पुलिस बल की नियुक्ति की गयी है. कोर्ट को बताया गया कि तीन पालियों में पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा करते हैं. एक मजिस्ट्रेट की भी तैनाती है. कोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों किया गया है, इससे पहले तो मजिस्ट्रेट की तैनाती नहीं थी. जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि गत सितंबर माह से मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है. लॉ एंड ऑर्डर के मद्देनजर यह तैनाती की गई है. (इनपुट- भुवन किशोर झा)
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को ये बताया गया कि कैदियों के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को लेकर क्या प्रावधान (एसओपी) हैं. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि रिवाइज्ड एसओपी गृह सचिव के पास भेजा गया है. उन्हें 2 सप्ताह का समय दिया जाए ताकि रिवाइज एसओपी पर निर्णय लिया जा सके. कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है.
रिम्स से मांगी मेडिकल रिपोर्ट
हालांकि कोर्ट के पिछले आदेश के तहत रिम्स की ओर से लालू यादव की मेडिकल रिपोर्ट शुक्रवार को नहीं दाखिल की गई. इस पर अदालत ने रिम्स को जवाब देने के लिए रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि लालू यादव की सुरक्षा में कितने पुलिस बल की नियुक्ति की गयी है. कोर्ट को बताया गया कि तीन पालियों में पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा करते हैं. एक मजिस्ट्रेट की भी तैनाती है. कोर्ट ने पूछा ऐसा क्यों किया गया है, इससे पहले तो मजिस्ट्रेट की तैनाती नहीं थी. जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि गत सितंबर माह से मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है. लॉ एंड ऑर्डर के मद्देनजर यह तैनाती की गई है. (इनपुट- भुवन किशोर झा)