रांची. मॉब लिंचिंग के प्रस्ताव को राजभवन की तरफ से लौटाए जाने को लेकर बीजेपी ने जहां सत्ता पक्ष पर तंज कसा है. वहीं सत्ताधारी दल का कहना है कि मॉब लिंचिंग को लेकर जिस तरह के संशोधन की बाते राज्यपाल महोदय के द्वारा कही गई है उसपर सरकार गंभीर है. राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाओं से राज्य की छवी धूमिल होती है और इसे लेकर मॉब लिंचिंग की वारदात पर लगाम लगने के उद्देश्य से मॉब लिंचिंग का प्रस्ताव लाया गया. लेकिन, कई बिन्दुओ पर बीजेपी ने अपना विरोध दर्ज कराया था. बावजूद इसके प्रस्ताव पारित हो गया था.
लेकिन, राजभवन के द्वारा इस प्रस्ताव को सरकार को लौटा दिया गया जिसे लेकर विपक्ष ने खुशी जाहिर की है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि इस प्रस्ताव का विरोध बीजेपी ने पुरजोर ढंग से किया था और राजभवन की तरफ से कई बिन्दुओ पर सवाल खड़े किए गए है.
वहीं उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग कानून बनना चाहिए लेकिन कानून सबो के लिए हो क्योंकि झारखण्ड में डायन बिसाही, ओझा गुणी के नाम पर भीड़ तंत्र का क्रूर चेहरा अक्सर सामने आता है. लेकिन, इसपर बात नहीं होती. लेकिन, कोई अल्पसंख्यक की मौत हो जाए तो जरूर खुद को सेक्युलर बताने वाले लोग जरूर सामने आ जाते हैं.
विपक्ष के वार पर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि बीजेपी इस कानून के पक्ष में शुरू से नहीं रही क्योंकि इनसे भाजपा के वोट बैंक पर असर पड़ता है. कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि राज्यपाल के द्वारा जो भी निर्देश दिए गए है उसके प्रति सरकार गंभीर है और इस दिशा में प्रयास कर जल्द ही फिर से मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनाने का प्रयास किया जाएगा.
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