रांची. रांची के खेलगांव में अंडर 15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप कै दौरान अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. इस दौरान राजस्थान से पहुंची एक महिला भी अपनी बेटी को लेकर खेलगांव पहुंची थी. घूंघट में दिख रही महिला अपनी रेसलर बेटी को इस दौरान फल खिलाती नजर आयीं. राजस्थान से पहुंची महिला पिंकी कंवर ने बताया कि उनके राज्य में महिलाएं लिहाज की वजह से घूंघट करती हैं लेकिन घूंघट वाले राजस्थान की बेटियों में ताकत की कोई कमी नहीं. खेलगांव स्टेडियम में रिंग में उतरे पहलवानों और शोरगुल के बीच पिंकी कंवर का ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी बेटी योकिता पर था.
पिंकी कंवर ने बताया कि राजस्थान में आज भी घूंघट प्रथा कायम है, ऐसे में अगर परिवार में पुरुषों का सपोर्ट न हो तो बेटियों का कुश्ती खेलना संभव नहीं. सिर से एक मिनट भी घूंघट नहीं हटाने वाली इस महिला ने बताया कि हर दिन वह सुबह के नाश्ते, दोपहर का भोजन और रात के खाने में बेटियों का खास ख्याल रखती हैं. हर दिन फलों में सेब, केला और दूध में पिस्ता बादाम मिलाकर बेटियों को पिलाती हैं.
14 साल की रेसलर योकिता कंवर ने बताया कि मां के साथ पिता भी बेहद उसका ख्याल रखते हैं और कुश्ती के खेल में उसे बढ़ाने में उसके पिता और दादा का बहुत बड़ा हाथ है. दादा हर दिन गांव के अखाड़े में ले जाकर कुश्ती का अभ्यास कराते हैं. हालांकि आर्मी से रिटायर पिता को अभी अभी नयी नौकरी मिली है इसलिए इस बार रांची उसके पिता हौसला फजाई के लिए नहीं पहुंचे हैं.
योकिता कंवर के कोच जीतराम ने बताया कि राजस्थान में बेटियों का रुझान कुश्ती को लेकर पहले की तुलना में काफी बढ़ा है. यहां की बेटियां जुझारू हैं और पदक जीतने का माद्दा रखती हैं. उन्होंने कहा कि घुंघट वाले राजस्थान की सोच अब धीरे-धीरे बदल रही है. रांची के खेलगांव मेगा स्पोर्ट्स कॉमप्लेक्स में कोच के साथ मां बाप भी दंगल के दौरान अपने बच्चों की उनकी हौसलाफजाई करते नजर आये. जब बच्चों ने पदक जीता तो मां-बाप को ऐसा लगा जैसे पदक उन्होंने जीता हो.
इसमें कई रेसलर बेटियां अपनी मां के साथ तो कई अपने पिता के साथ कुश्ती के दंगल में पहुंची थीं. बेटियों ने बताया कि पदक उन्होंने नहीं बल्कि उनके कोच और उनके माता पिता ने जीता है. अंडर 15 के दंगल में हरियाणा के साथ साथ पंजाब, यूपी, दिल्ली और झारखंड का भी दबदबा नजर आया. पदक के समय कोच के साथ पहलवानों के माता-पिता भी भावुक नजर आये.
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