रांचीवासियों के लिए जीरो पावर कट का सपना अभी दूर की कौड़ी मालूम पड़ रही है. जबकि यह उम्मीद की जा रही थी कि राजधानी में जुलाई के बाद निर्बाध बिजली आपूर्ति होने लगेगी. इसके लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के अधिकारियों को मोहलत दी थी. लेकिन तय समय पर काम पूरा नहीं हो पाया है. जेबीवीएनएल के एमडी राहुल पुरवार ने सूचना भवन में पत्रकारों से कहा कि बिजली के शट डाउन के कई कारण हैं. राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है. खराब मौसम के कारण भी बिजली की आपूर्ति बंद करनी पड़ती है.
राहुल पुरवार ने कहा कि लोकल फाल्ट के तहत फ्यूज उड़ना और जंफर टूटना, जैसी घटनाएं अब कम हुई हैं. आगे इसमें और सुधार आएगा. बिजली वितरण निगम की ओर से जरुरत से अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए गये हैं. साथ ही कहा कि निगम को प्रत्येक माह लगभग 110 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. 520 करोड़ रुपये प्रत्येक माह बिजली खरीदने और अन्य संस्थागत चीजों में खर्च होता है. जबकि इसके एवज में मात्र 410 करोड़ प्रतिमाह राजस्व निगम को मिलता है. इस नुकसान को कम करने के प्रयास हो रहे हैं.
ऊर्जा सचिव वंदना दादेल ने कहा कि तेनुघाट विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) के स्वामित्व का मामला निबट गया है. बिहार और झारखंड के बीच सहमति बन गई है. यहां से उत्पादित बिजली का 40 प्रतिशत हिस्सा बिहार को दिया जाएगा. बाकी अब इसके विस्तारीकरण की योजना पर काम शुरू होगा.
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FIRST PUBLISHED : August 07, 2019, 22:31 IST