रांची. आजकल बच्चों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल बेहद आम है. कोरोना काल में डिजिटल क्लास के लिए बच्चों की मोबाइल फोन पर निर्भरता काफी ज्यादा बढ़ गई है. इन सबके बीच राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajendra Institute of Medical Sciences-RIMS) की क्लीनिकल रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिम्स की रिपोर्ट में मोबाइल फोन का प्रयोग करने वाले बच्चों के विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रस्त होने की बात सामने आई है. खासकर मोबाइल फोन का लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले बच्चों पर इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ने का खुलासा हुआ है.
RIMS की रिपोर्ट में पाया गया है कि OPD में इलाज के लिए आने वाले 75 फीसद बच्चे मोबाइल फोन से होने वाली समस्या से ग्रसित हैं. ऐसे बच्चों में सबसे ज्यादा कब्ज की समस्या पाई गई है. क्लीनिकल रिपोर्ट में 5 से 14 साल के बच्चों को शामिल किया गया है. शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने वाले बच्चों में आंख की समस्या भी पाई गई है. ऐसे में इन बच्चों को दवा के साथ मोबाइल फोन से दूरी बनाने की भी सलाह दी जा रही है. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में बच्चों में मोबाइल फोन का प्रचलन काफी बढ़ा है.
बच्चों में चौंकाने वाली समस्या
शिशु रोग विभाग के सर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर हीरेन बिरुआ ने बताया कि इन बच्चों में चौंकाने वाली समस्या पाई गई है जो अभी तक बच्चों में नहीं देखी गई थी. ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने बताया कि अभिभावक इतने व्यस्त रहते हैं कि वे बच्चों को वीडियो गेम खेलने या फिर वीडियो देखने के लिए मोबाइल फोन दे देते हैं. इससे बच्चों को मोबाइल की लत लग रही है. इससे बच्चों को नई-नई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है.
मोबाइल फोन में मशगूल हो जाते हैं बच्चे
विशेषज्ञों ने पाया कि बच्चे मोबाइल फोन में इस कदर मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें किसी बात का होश ही नहीं रहता है. वे समय पर बाथरूम जाना तक भूल जाते हैं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि सुबह होते ही बच्चे वीडियो गेम खेलने में मगन हो जाते हैं. बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है.
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