काम की खबर: रांची में किरायेदारों का वेरिफिकेशन कराना जरूरी, वर्ना फंसेंगे मकान मालिक

रांची पुलिस शहर में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर अब एक बार फिर टिनेंट वेरिफिकेशन को धार देने में जुटी है.
Ranchi News: राजधानी रांची में उग्रवादियों और अपराधियों के पहचान छुपाकर मकानों में बतौर किरायेदार की खबरों से सतर्क हुई पुलिस. टिनेंट-वेरिफिकेशन अभियान को सख्ती से लागू करने पर दिया जा रहा जोर.
- News18Hindi
- Last Updated: January 23, 2021, 2:07 PM IST
रांची. राजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर रांची पुलिस (Ranchi Police) एक बार फिर किरायेदारों के वेरिफिकेशन अभियान को धार देने में जुटी है. टिनेंट वेरिफिकेशन (Tenant verification) के लिए पुलिस ने इस बार विशेष प्लान तैयार किया है. इसके तहत मकान मालिकों (Landlords) की जिम्मेदारी तय की गई है.
पुलिस के मुताबिक रांची में किरायेदार की शक्ल में उग्रवादी या अपराधियों के मकान लेकर रहने की शिकायतों को देखते हुए ये योजना बनाई गई है. ऐसे कई मामले पुलिस के सामने आए और ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. हर बार इस तरह की कार्रवाई के बाद टिनेंट वेरिफिकेशन की मांग तेज़ हो जाती है, लेकिन योजना को धरातल पर उतारना संभव नहीं हो पाता है. पुलिस इसकी सबसे बड़ी वजह मकान मालिकों मे जागरूकता की कमी और पुलिस मैनपावर की कमी बताती है.
हाल के दिनों में रांची में चोरी की वारदातों में इजाफे और उग्रवादियों और नक्सलियों के छिपने की बातें सामने आई हैं. ऐसे में पुलिस ने किरायेदारों के वेरिफिकेशन की योजना को अमल में लाने का प्लान बनाया है. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह काम इस बार गंभीरता से किया जाएगा, ऐसा बताया गया है.
अगर कोई अपराधी किसी मकान से गिरफ्तार होता है और मकान मालिक द्वारा उसकी पहचान जान बूझकर छिपाई जाती है तो ऐसे मकान मालिकों पर भी पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी. पूरे मामले को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारी गंभीर हैं और बीट पुलिसिंग को भी मजबूत करने की बात कह रहे हैं. बहरहाल, सवाल है कि क्या इस बार भी टिनेंट वेरिफिकेशन महज आई वाश ही बनकर रह जाएगा या फिर सुरक्षित रांची का कॉन्सेप्ट धरातल पर उतर पाएगा.
पुलिस के मुताबिक रांची में किरायेदार की शक्ल में उग्रवादी या अपराधियों के मकान लेकर रहने की शिकायतों को देखते हुए ये योजना बनाई गई है. ऐसे कई मामले पुलिस के सामने आए और ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. हर बार इस तरह की कार्रवाई के बाद टिनेंट वेरिफिकेशन की मांग तेज़ हो जाती है, लेकिन योजना को धरातल पर उतारना संभव नहीं हो पाता है. पुलिस इसकी सबसे बड़ी वजह मकान मालिकों मे जागरूकता की कमी और पुलिस मैनपावर की कमी बताती है.
हाल के दिनों में रांची में चोरी की वारदातों में इजाफे और उग्रवादियों और नक्सलियों के छिपने की बातें सामने आई हैं. ऐसे में पुलिस ने किरायेदारों के वेरिफिकेशन की योजना को अमल में लाने का प्लान बनाया है. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह काम इस बार गंभीरता से किया जाएगा, ऐसा बताया गया है.
किरायेदार का फोटो लगाना भी अनिवार्य
मामले की जानकारी देते हुए रांची सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि टिनेंट वेरिफिकेशन को लेकर इस बार जो फॉर्म बनाया गया है उसमें किराएदार का फोटो भी देना सुनिश्चित किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सिटीजन पोर्टल पर जाकर भी लोग इस फॉर्म को अपडेट कर सकते हैं.पहचान छिपाई तो होगी कानूनी कार्रवाई
अगर कोई अपराधी किसी मकान से गिरफ्तार होता है और मकान मालिक द्वारा उसकी पहचान जान बूझकर छिपाई जाती है तो ऐसे मकान मालिकों पर भी पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी. पूरे मामले को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारी गंभीर हैं और बीट पुलिसिंग को भी मजबूत करने की बात कह रहे हैं. बहरहाल, सवाल है कि क्या इस बार भी टिनेंट वेरिफिकेशन महज आई वाश ही बनकर रह जाएगा या फिर सुरक्षित रांची का कॉन्सेप्ट धरातल पर उतर पाएगा.