इन दिनों अलर्ट पर है. राजधानी रांची में सीसीटीवी कैमरों को और भी पुख्ता कर शहर की सुरक्षा व्यवस्था को डिजिटलाइज कर दिया गया है. अब शहर की निगेहबानी पुलिस के साथ तीसरी आंख भी कर रही है. रांची में 470 एचडी कैमरों के सहारे 24 घंटे नजर रखी जा रही है. इन कैमरों की नजर से अपराधियों का बच पानी नामुनकिन है.
क्राइम केंट्रोल रूम से इन कैमरों से जरिए शहर की सभी लोकेशन पर नजर जमाए हुए हैं. डीएसपी प्रसाद ने बताया कि आधुनिक कैमरे की जद से बच पाना अपराधी के लिए आसान नहीं होगा. ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को ट्रेस कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि डायल 100 इस तीसरी आंख को और भी मजबूती देती है और सूचना के साथ ही पुलिस की पीसीआर, शक्ति और टाइगर जवानों की टीम त्वरित रेस्पॉंस के साथ घटनास्थल पर पहुंच जाते हैं.
, हत्या, छिनतई या फिर डकैती जैसी कई घटनाओं का पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के सहारे खुलासा किया है. 24 अगस्त 2018 को रातू रोड, दुर्गा मंदिर के पीछ अपराधियों ने राकेश कुमार की गोली मारकर हत्या की थी, जिसमें पुलिस ने
के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा 4 जून 2018 को नगड़ी के बालालौंग ग्रामीण बैंक से लूट, 6 अगस्त को मोबाइल दुकान में चोरी, लालपूर में चोरी की घटना, 23 अगस्त को कांके थाना के पीएनबी बैंक में डकैती, पंडरा में छिनतई की घटना, मुख्यमंत्री आवास के पास गोलीबारी की घटना जैसे मामलों में पुलिस का मुख्य हथियार सीसीटीवी कैमरा ही बना है.
आधुनिकता और डिजिटलाइजेशन के दौर में रांची पुलिस भी इसकी जरूरतों को समझते हुए सीसीटीवी के सहारे शहर को सुरक्षा कवच प्रदान करने में जुटी है. ऐसे में रांची शहर में अपराध की घटनाओं को अंजाम देकर फरार होना अपराधियों के लिए किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2018, 08:45 IST