Good News: रांची-नामकुम रेलवे स्टेशन के बीच चुटिया में आरओबी निर्माण का रास्ता साफ

आरओबी नहीं रहने से चुटिया में रहने वाले लोगों को रेलवे क्रांसिंग के पास घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है.
झारखंड सरकार के रोड कंस्ट्रक्शन विभाग और रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग ने रांची-नामकुम के बीच आरओबी बनाने के लिए पहल की है. रेलवे ओवर ब्रिज बन जाने से जाम से राहत मिल जाएगी. जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रशासन हुआ अलर्ट हो गया है.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: February 28, 2021, 1:08 PM IST
रांची. रांची-नामकुम के बीच बनाने रेलवे ओवर ब्रिज बनेगा. जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रशासन हुआ अलर्ट हो गया है. यह आरओबी दो साल से लंबित था. आरओबी के लिए रेलवे और राज्य सरकार ने दो बार सर्वेक्षण भी किया था. सर्वे के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया क्योंकि राज्य सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया ही शुरू नहीं की थी. आरओबी नहीं रहने से चुटिया में रहने वाले लोगों को रेलवे क्रांसिंग के पास घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है. उम्मीद है कि अब जाम से राहत मिल जाएगी.
रांची रेलवे स्टेशन चुटिया के पास आरओबी बनाने के लिए रेलवे तैयार है. रेलवे और राज्य सरकार ज़मीन अधिग्रहण को लेकर कवायद शुरू कर दी है. रेलवे और राज्य सरकार ने दो बार सर्वे किया. सर्वे के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. यह सर्वे हुए भी एक साल हो गया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 13 रेलवे ओवरब्रिजों (आरओबी) के निर्माण की स्वीकृति दी थी. इनमें रेलवे द्वारा छह आरओबी का निर्माण कराने का प्रस्ताव रखा गया था. जबकि सात आरओबी का निर्माण राज्य सरकार, एनएचआई तथा भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा कराने की योजना बनाई गई थी.
रांची मंडल रेल प्रबंधक नीरज अम्बष्ठ का कहना है कि दो लेन का रेलवे ब्रिज बनाने का प्रपोजल है, लेकिन सरकार चाहे तो चार लेन रेलवे ओवर ब्रिज बनाने को तैयार है. इसके लिए सरकार की तरफ से हामी होगी. तब ही संभव होगा. क्योंकि, झारखंड सरकार और रेलवे 50:50 फीसदी राशि खर्च करेगी.
चुटिया पावर हाउस के पास रेलवे क्रासिंग बंद कर दिया जाता है. यह करीब एक बार में आधे घंटे से ज्यादा बंद रहता है. इस वजह से दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती हैं. इसी से निजात पाने के लिए झारखंड सरकार के रोड कंस्ट्रक्शन विभाग और रेलवे का कंस्ट्रक्शन विभाग आरओबी बनाने के लिए पहल की है. दोपहर और शाम के वक्त रांची रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का आवागमन होता है. सुबह में रांची आने वाली ट्रेनें ज्यादा रहती है. इसे लेकर सुबह चार बजे से सुबह दस बजे तक ट्रेन का दबाव ज्यादा रहता है. उसके बाद दोपहर एक बजे से तीन बजे तक जाने वाली ट्रेनों का दबाव रहता है.बाकी शाम पांच बजे के बाद रात लगभग ग्यारह बजे तक रांची स्टेशन से ट्रेनों के गंतव्य स्थान तक खुलने का समय रहता है. ऐसे में जाम की स्थिति रहती है. रांची-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस और रांची-पटना जनशताब्दी सहित कई ट्रेनों के इंजन का रिवर्स होता है. इस दौरान भी चुटिया पावर हाउस के पास गेट बंद रहता है. मालगाड़ी की वजह से तो लंबे समय के लिए गेट बंद होता है.
रांची रेलवे स्टेशन चुटिया के पास आरओबी बनाने के लिए रेलवे तैयार है. रेलवे और राज्य सरकार ज़मीन अधिग्रहण को लेकर कवायद शुरू कर दी है. रेलवे और राज्य सरकार ने दो बार सर्वे किया. सर्वे के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. यह सर्वे हुए भी एक साल हो गया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 13 रेलवे ओवरब्रिजों (आरओबी) के निर्माण की स्वीकृति दी थी. इनमें रेलवे द्वारा छह आरओबी का निर्माण कराने का प्रस्ताव रखा गया था. जबकि सात आरओबी का निर्माण राज्य सरकार, एनएचआई तथा भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा कराने की योजना बनाई गई थी.
रांची मंडल रेल प्रबंधक नीरज अम्बष्ठ का कहना है कि दो लेन का रेलवे ब्रिज बनाने का प्रपोजल है, लेकिन सरकार चाहे तो चार लेन रेलवे ओवर ब्रिज बनाने को तैयार है. इसके लिए सरकार की तरफ से हामी होगी. तब ही संभव होगा. क्योंकि, झारखंड सरकार और रेलवे 50:50 फीसदी राशि खर्च करेगी.