रांची. आरपीएन सिंह के पाला बदलते ही कल तक उन्हें दुआ-सलाम करने वाले कांग्रेस नेताओं ने भी पाला बदल लिया है. इस घटनाक्रम के बाद झारखंड कांग्रेस मुख्यालय (Jharkhand Congress Office) में अचानक से सरगर्मी बढ़ गई है. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) का कहना है कि उत्तर प्रदेश से आया हुआ व्यक्ति क्या कर सकता है. केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें प्रभारी बनाकर भेजा था. जब तक थे उनके दिशा-निर्देशों का पालन किया. जब भी मिले दुआ सलाम करते रहे, अब नहीं हैं तो गुड बाय, टा टा.
अभी तक झारखंड (Jharkhand) में जो कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही थी, इस घटना के बाद वो अचानक से एकजुट रहने की राजनीति में जुट गई है. तिर्की ने कहा कि किसी के आने-जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस एकजुट थी और आगे भी रहेगी. इसी के साथ संगठन में आरपीएन सिंह (RPN Singh) को पसंद नहीं करने वाले कांग्रेसी सक्रिय हो गए हैं.
झारखंड की राजनीति में कांग्रेस का पिछले कुछ साल का रिकॉर्ड देखे तो पार्टी के गिरते साख का अहसास होता है. जितने नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा नहीं, उससे कहीं ज्यादा हाथ का साथ छोड़ कर चले गए. अब झारखंड कांग्रेस के तीन पूर्व अध्यक्ष को देख लीजिए- सुखदेव भगत, प्रदीप बालमुचू और डॉ. अजय कुमार. हालांकि डॉ अजय कुमार की घर वापसी हो चुकी है और बाकी के बचे दो वेटिंग फॉर लिस्ट में शामिल हैं. वैसे कांग्रेस के नेता इस तर्क से इत्तेफाक नहीं रखते. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि राजनीति में आना-जाना लगा रहता है. किसी भी संगठन में कार्यकर्ता ही उसकी असल पूंजी होती है. कांग्रेस कल भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी.
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे आरपीएन सिंह अब बीजेपी में जा चुके हैं. पार्टी को अविनाश पांडेय के रूप में नया प्रभारी मिल गया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर दिल्ली दौरे पर हैं ताकि नई रणनीति के साथ राजनीति में मैदान में उतरा जा सके. क्योंकि इस वक्त कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को बचाए रखने की चुनौती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Jharkhand Congress, Jharkhand news, RPN Singh