रांची. एक तरफ संगठन में शोषण और दूसरी तरफ 14 बरस की बेटी का अकेलापन और सरेंडर करने का दबाव. आखिर ऐसे में क्या करे कोई हार्डकोर नक्सली. उसके लिए कोई बीच का रास्ता नहीं होता, वह तय कर लेता है कि या तो इस पार रहना है या उस पार जाना है. यही काम किया जोनल कमांडर नक्सली सुरेश सिंह मुंडा उर्फ श्रीपति मुंडा ने. वह भी हार्डकोर नक्सली था. बेटी के दबाव और उसके अकेलेपन को समझते हुए उसने हथियार छोड़ दिया और मंगलवार को सरेंडर कर दिया. सुरेश सिंह मुंडा के साथ एरिया कमांडर लोदरो लोहरा उर्फ सुभाष ने भी सरेंडर किया है. बता दें कि झारखंड सरकार ने सुरेश पर 10 लाख और लोदरो लोहरा पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
सुरेश सिंह मुंडा के समर्पण करने के दौरान उसकी 14 बरस की बेटी भी वहां मौजूद थी. उसने बताया कि वह अपने पिता को कई साल बाद देख रही है. मां की मौत के बाद वह रिश्तेदारों के घर पर रह कर पढ़ाई कर रही थी. उसने अपने पिता को पुलिस के सामने सरेंडर कर देने के लिए कई चिट्ठियां लिखी थीं. इन चिट्ठियों में अपना अकेलापन और रिश्तेदारों के घर पर रहने की मजबूरी बताती रही थी. समर्पण के मौके पर सुरेश सिंह मुंडा ने कहा कि वह अपनी बेटी की तकलीफों के सामने बिखर गया. बेटी का अकेलापन उसे जीने नहीं दे रहा था. दूसरी तरफ संगठन में भी जो माहौल बनता जा रहा था, उससे भी वह परेशान था. बेटी ने उसे कई चिट्ठियों में भरोसा दिलाया था कि सरकार की पुनर्वास नीति ठीक लगती है. उसने समझाया था कि आपके साथ काम करनेवाले नक्सली समर्पण कर सामान्य जीवन जी रहे हैं. इसलिए आप भी समर्पण कर दें. बच्ची की बात का असर रहा कि मैंने समर्पण करने का मन बना लिया.
माओवादी जोनल कमांडर सुरेश सिंह मुंडा उर्फ श्रीपति मुंडा बुंडू के बारूहातू का रहनेवाला है, जबकि एरिया कमांडर लोदरो लोहरा उर्फ सुभाष खूंटी के कोचांग टोला का. झारखंड सरकार ने सुरेश पर 10 लाख और लोदरो लोहरा पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. आईजी अभियान अमोल होमकर के मुताबिक, ये दोनों मिसिर बेसरा उर्फ सागर जी की टीम में सक्रिय रहे थे. सुरेश मुंडा को तो मिसिर बेसरा का दाहिना हाथ माना जाता था. फरवरी 2021 में जब पोड़ाहाट क्षेत्र के नक्सली जोनल कमांडर जीवन कंडुलना ने झारखंड पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया, तो सुरेश सिंह मुंडा और लोदरो लोहरा को मिसिर बेसरा ने कोल्हान से पोड़ाहाट भेज दिया था.
चाईबासा, खूंटी, सरायकेला और रांची के इलाके में जोनल कमांडर सुरेश मुंडा काफी एक्टिव था. मार्क दस्ता का कमांडर होने की वजह से ये संगठन का सबसे अहम सदस्य रहा. वह मिसिर बेसरा का दाहिना हाथ था. 10 लाख रुपए के इनामी सुरेश सिंह मुंडा पर रांची, सरायकेला और चाईबासा में कुल 67 मामले दर्ज हैं. वहीं, एरिया कमांडर लोदरो लोहरा उर्फ सुभाष पर 2 लाख का इनाम था और उस पर 54 मामला दर्ज हैं.
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