रांची. उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमपात और तेज ठंडी हवाओं का असर उत्तर और पूर्वी भारत में भी दिखने लगा है. मौसम के तल्ख तेवर से झारखंड भी अछूता नहीं है. तेज ठंडी हवाओं के कारण झारखंड के विभिन्न जिलों में तापमान लगातार गिर रहा है. इससे प्रदेश का अधिकांश हिस्सा कड़ाके की ठंड की चपेट में है. शीतलहर ने हालात को और भी विषम बना दिया है. हाड़ कंपाने वाली ठंड के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. कृषि मौसम वेधशाला के अनुसार, मंगलवार सुबह को कांके का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. यहां 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. बता दें कि मौसम विभाग के विज्ञानियों ने पहले ही 20 दिसंबर के बाद तापमान में जबर्दस्त गिरावट आने की बात कही थी.
झारखंड में मौसम के तेवर को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. बता दें कि उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही सर्द हवाओं के चलते पूरा झारखंड शीतलहर की चपेट में है. पूरे राज्य में तापमान तेजी से गिर रहा है. मैकलुस्कीगंज समेत कई इलाकों में पारा 2 डिग्री से भी नीचे आ गया. यहां सुबह घास पर पड़ी ओस की बूंदें तक जम गईं. हालात का देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. हाड़ कंपाने वाली ठंड को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है. साथ ही लोगों को बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. विशेषज्ञों ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है. इस बीच, खबर है कि हजारीबाग में सोमवार को ठंड से 10वीं कक्षा की एक छात्रा की मौत हो गई.
कड़ाके की ठंड में भी चल रहे स्कूल
ठिठुरन और सर्द हवाओं के सितम के बीच छात्र-छात्राएं कांपते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं. तापमान में 7-8 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ चुकी है. इसके बावजूद स्कूलों के खुलने का समय नहीं बदला जा रहा है. अभी भी 6-12वीं के स्कूल सुबह 8 से 12 बजे तक चल रहे हैं. बढ़ती ठंड के बीच सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने लगी है. निजी स्कूलों का तर्क है कि आपदा प्रबंधन प्राधिकार के आदेशानुसार कक्षाएं सुबह 8 बजे से ही चल सकती हैं, ऐसे में वे खुद समय तय नहीं कर सकते हैं.
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