झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के चुनाव चिन्ह पर जीतकर भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की याचिका पर बुधवार को स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में पहली सुनवाई हुई.
झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के चुनाव चिन्ह पर जीतकर भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की याचिका पर बुधवार को स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में पहली सुनवाई हुई.
सुनवाई में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव खुद उपस्थित थे. जबकि दलबदल करने वाले छह विधायकों की ओर से उनके वकील ने पक्ष रखा.
करीब दो घंटे की चली सुनवाई ने बाबूलाल मरांडी के वकील आरएन सहाय और झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने मामले को दलबदल बताते हुए कहा कि सभी छह विधायकों की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए.
बचावपक्ष के वकील राजीव रंजन ने इसे झाविमो का भाजपा में विलय बताते हुए कहा कि दलबदल का मामला ही नहीं बनता है.
वकील आरएन सहाय ने इसका विरोध करते हुए कहा कि नियम से विलय का मामला तभी बनता है जब दो तिहाई सदस्य इस निर्णय पर अपनी सहमति दें. जबकि ऐसा नहीं हुआ है. साथ उन्होंने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट का भी हवाला दिया जहां अभी भी भाजपा के 37 और जेवीएम के आठ विधायक दिखाए जा रहे हैं.
झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि इस लंबित मामले में दोनों पक्षों की पहली सुनवाई हो चुकी है. अगली सुनवाई में दोनों पक्ष गवाह व सबूत पेश करेंगे. उसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा.
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Tags: Babulal marandi, BJP