रांची. माइनिंग लीज, शेल कंपनियों में निवेश और मनरेगा घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई अब झारखंड हाईकोर्ट में होगी. मंगलवार को माइनिंग लीज और मनरेगा घोटाले से जुड़े मामले में जहां झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी मंगलवार को शेल कंपनियों से जुड़े मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद शेल कंपनी से जुड़े मामले को भी सुनवाई के लिए झारखंड हाईकोर्ट भेज दिया गया. दरअसल, शेल कंपनियों मामले में 17 मई को झारखंड हाईकोर्ट से एक ऑर्डर आया था. साथ ही ईडी की ओर से कार्रवाई को लेकर जो सीलबंद दस्तावेज झारखंड हाईकोर्ट को सौंपा गया था, उसी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने बताया कि 1 जून को झारखंड हाईकोर्ट में अब तीनों ही मामलों में सुनवाई होगी. उन्होंने बताया कि माइनिंग लीज और शेल कंपनियों से जुड़े मामले में जहां मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई होगी, वहीं मनरेगा मामले में मेरिट पर सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि ईडी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट पेश की गई, जिसके आधार पर सीबीआई जांच की मांग की गई. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में हाईकोर्ट को निर्देश दे सकते हैं कि वह पहले याचिका की मेंटेनिबिलिटी पर विचार करे. वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया जाना चाहिए था. राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई भी मामला तब तक सीबीआई को नहीं दिया जा सकता, जबतक कि मामले में कोई FIR दर्ज न हुई हो.
यह भी एक तरह से यह कहा जा रहा है कि यह हेमंत सोरेन और उनके करीबियों के लिए एक तरह से राहत की खबर है क्योंकि अब माइनिंग लीज और शेल कंपनियों से जुड़े मामले में मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई होगी. यानी याचिका की विश्वसनीयता को पहले परखा जाएगा. यह देखा जाएगा कि याचिका नियमानुसार फाइल की गई है या नहीं.
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