राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रांची एवं वर्तमान झारखंड (Jharkhand) के कई शहरों से काफी जुड़ाव रहा है. इतिहासकार बताते हैं कि चंपारण सत्याग्रह की रणनीति गांधीजी ने रांची (Ranchi) में ही बनाई थी. सन 1940 में हुए रामगढ़ अधिवेशन (Ramgarh Adhiveshan) में शामिल होने के लिए गांधीजी जिस फोर्ड कार (Ford Car) में रांची से आए थे, वो आज भी रांची में सुरक्षित है. गांधीजी ने स्वाधीनता आंदोलन को गति देने के लिए रांची, जमशेदपुर (Jamshedpur), रामगढ़ (Ramgarh), हजारीबाग (Hazaribagh), देवघर (Deoghar) आदि शहरों का भ्रमण भी किया था.
स्वाधीनता संग्राम के दौरान गांधीजी कई बार रांची आए. इतिहास साक्षी है कि स्वाधीनता संग्राम के दौरान गांधीजी 1917, 1925, 1934 और 1940 में रांची आए थे. गांधीजी ने इस दौरान कई आंदोलनों की रणनीति यहीं रांची में बनाई थी. चंपारण आंदोलन जोर पकड़ने पर जून 1917 में रांची में ही तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर गैट के साथ आड्रे हाउस में गांधी जी की वार्ता हुई थी. वरिष्ठ पत्रकार एवं 'गांधीजी की झारखंड यात्रा' के लेखक अनुज सिन्हा के मुताबिक गांधीजी से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि उन्हें यहां से कितना लगाव था.
1940 में कांग्रेस के रामगढ अधिवेशन में भाग लेने के लिए रांची आए गांधीजी ने कई स्थानों का भ्रमण किया था. गांधीजी रांची से रामगढ कार में बैठकर गये थे. 1920 में बनी जिस फोर्ड कार से गांधीजी ने रांची से रामगढ तक का सफर किया था, वो आज भी यहां के जायसवाल परिवार के पास सुरक्षित है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामनारायण जायसवाल और राय साहेब लक्ष्मीनारायण जायसवाल ने इस गाड़ी को ड्राइव किया था.
गांधीजी के छुआछूत, नशामुक्ति और धार्मिक भेदभाव से दूर रहने का संदेश का इतना असर हुआ था कि आज भी टाना भगत उनके दिखाये रास्ते पर वैसे ही चल रहे हैं जो उनके पूर्वजों ने गांधी जी से सीखा था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : August 14, 2019, 12:26 IST