रांची. झारखंड कांग्रेस के नये प्रभारी अविनाश पांडेय 29 जनवरी को 3 दिवसीय दौरे पर झारखंड आएंगे. उनके इस दौरे में दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की घर वापसी होगी. दरअसल आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस में मची उथल-पुथल ने उन कांग्रेसियों की राह आसान कर दी है, जो फिर से पार्टी में एंट्री करना चाहते हैं. इसमें सबसे आगे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू चल रहे हैं. दोनों कद्दावर नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी थी. सुखदेव भगत भाजपा में शामिल हो गये थे, जबकि प्रदीप कुमार बलमुचू ने आजसू का दामन थाम लिया था. संयोग से दोनों विधानसभा चुनाव में परास्त हुए. और लंबे अरसे से दोनों नेता कांग्रेस में वापसी का प्रयास कर रहे थे. अब इनकी वापसी तय हो गई है.
दोनों नेताओं की मुलाकात दिल्ली में पार्टी के वरीय नेताओं से हो चुकी है. नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के दौरे के दौरान दोनों नेताओं को फिर से दल में शामिल कराया जाएगा. बस आलाकमान से इस संबंध में आधिकारिक सहमति का इंतजार किया जा रहा है.
आरपीएन सिंह ने इसलिए फंसाया था पेच
आरपीएन सिंह के झारखंड प्रभारी रहते सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचू ने कांग्रेस का दामन छोड़ा था. ऐसे में आरपीएन इनकी वापसी में अड़ंगा बने हुए थे. उन्होंने इनकी घर वापसी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचू की वापसी से प्रदेश कांग्रेस धारदार होगी. हालांकि भविष्य में लोहरदगा सीट को लेकर कांग्रेस में पेंच फंस सकता है. फिलहाल रामेश्वर उरांव यहां से विधायक हैं. सुखदेव भगत भी यहां से विधायक रहे हैं. उधर, प्रदीप कुमार बलमुचू की परंपरागत सीट घाटशिला है. गठबंधन के तहत यह सीट फिलहाल झामुमो के पास है.
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