के दौरान अहिंसक लड़ाई लड़कर बड़ा त्याग किया. उनके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. हेहल के बन्होरा में आयोजित कार्यक्रम में
का यह बयान टाना भगत के लिए गेस्ट हाउस के निर्माण कार्य शिलान्यास समारोह के समय आया.
टाना भगत वह नाम है जिसने आजादी की लड़ाई में एक अनूठा और बड़ा योगदान दिया. गांधी जी के सच्चे अनुयायी टाना भगत ने अपनी जमीन गवां दी और मुफलिसी के कगार पर आ गए. इन्हें अबतक सभी सरकारों से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा. राज्य की रघुवर सरकार ने इनकी समस्याओं के समाधान के लिए कई काम करने की शुरुआत की. राज्य में टाना भगत विकास प्राधिकार बनाया गया. इनके लिए नए
का शिलान्यास सीएम रघुवर दास ने किया. यह हेहल के बन्होरा में बनेगा. इसकी आधारशिला सीएम ने रखी. इस मौके पर सीएम रघुवर दास ने कहा कि टाना भगत के पूर्वजों का हमारे ऊपर ऋण है. उनके त्याग और बलिदान का ऋण हम उतार रहे हैं.
टाना भगतों के इस कार्यक्रम में कई जिलों से प्रतिनिधि आए. टाना भगतों को सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी गई. जमीन की रसीद 1 रुपये टोकन राशि पर कटती है. सरकार ने लगान माफ कर दिया है. पुलिस की नौकरी के लिए युवाओं को रक्षा विश्वविद्यालय में कोर्स कराया जा रहा है. सीएम रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार टाना भगतों पर कोई एहसान नहीं कर रही है. उन्होंने टाना भगतों से कहा कि उनके पूर्वजों ने भारत की
के लिए जो कुर्बानी दी उसका ऋण हम वापस कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ साल पुरानी नीलाम की गई टाना भगत की जमीन वापस नहीं हो सकती है. लेकिन सरकार तीन कमरा वाला मकान सभी बेघर परिवार को देगी. 2019 में टाना भगतों के लिए बनने वाले गेस्ट हाउस में गांधी जयंती मनाई जाएगी.
इस कार्यक्रम में राजस्व विभाग के अधिकारियों के अलावा रांची के सांसद रामटहल चौधरी और हटिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक नवीन जायसवाल भी मौजूद थे. इस गेस्ट हाउस का संचालन टाना भगतों को ही दिया जाएगा. इस गेस्ट हाउस पर 3 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च होंगे. टाना भगतों के नेता गंगा टाना भगत का कहना है कि विधानसभा में मनोनयन के तौर पर टाना भगत को सदस्य बनाया जाए.
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FIRST PUBLISHED : June 21, 2018, 17:30 IST