रातू सीएचसी प्रभारी ने जारी किया तुगलकी फरमान, वैक्सीन लगवाने से पहले करानी होगी कोरोना की जांच

झारखंड की राजधानी रांची में रातू सीएचसी प्रभारी ने कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों के लिए एक तुगलकी फरमान जारी किया है.
रांची (Ranchi) में रातू सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी ने एक तुगलकी फरमान जारी किया है. इस फरमान के मुताबिक यहां कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) लगवाने आने वाले व्यक्ति को पहले कोरोना की जांच करानी होगी. इसके बाद ही वैक्सीन लगाई जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: April 8, 2021, 9:40 PM IST
रांची. झारखंड में रातू सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राज्य का इकलौता ऐसा केन्द्र है, जहां कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए आने वाले लोगों के लिए अलग नियम है. यहां कोरोना वैक्सीनेशन से पहले कोरोना की जांच कराना अनिवार्य है. इसके साथ ही जांच की रिपोर्ट आने तक वैक्सीनेशन के लिए इंतजार करना होगा. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन बुजुर्गों को हो रही है, जो केन्द्र पर वैक्सीन लगवाने के लिए आते हैं और उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ता है.
अपनी पत्नी सीता देवी को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने आए देव नारायण हो या खुद वैक्सीन लेने आए 67 वर्षीय आर के मिश्रा या फिर बिना वैक्सीन लिए बैरंग घर लौट रहे रामप्रवेश राय. इन सभी को परेशानी रातू सीएचसी के प्रभारी के तुगलकी फरमान से हुई है. रातू सीएचसी के प्रभारी का फरमान है कि कोरोना वैक्सीन लेने के लिए हाथ में कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है. ऐसे में अस्पताल में लाइन में लगकर कोरोना की जांच कराना लोगों को भारी पड़ सकता है. कई बुजुर्गों को अस्पताल में रहने से संक्रमण के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
सर्दी खांसी तक नहीं फिर भी कोरोना जांच के लिए डाला जा रहा दवाब
अपनी पत्नी सीता देवी को कोरोना का टीका लगवाने रातू सीएचसी आए देवनारायण ने बताया कि उनकी पत्नी को न तो बुखार है और न ही सर्दी खांसी या कोई दिक्कत है. भविष्य में भी उन्हें कोरोना न हो इसलिए वैक्सीन दिलवाने आए थे. लेकिन यहां पहले कोरोना जांच कराने को कहा जा रहा है.झारखंड में कोरोना से 7 की मौत, 1312 नए संक्रमित मिले, रांची में डराने वाले आंकड़े
क्या कहता है नियम
वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी एसओपी में कहीं भी वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को अनिवार्य नहीं किया गया है. 45 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर अपना नाम रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा सकता है. सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर यह मुफ्त में मिलेगा, जबकि निजी वैक्सीनेशन सेंटर पर इसके लिए 250 रुपये शुल्क अदा करना होंगा. इतना साफ-साफ नियम के बावजूद वैक्सीनेशन के लिए कोरोना टेस्ट की तुगलकी फरमान को लेकर रातू सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा ने कहा कि प्रभारी के आदेश से ऐसा हो रहा है. वहीं प्रभारी डॉ कश्यप ने न्यूज 18 से फोन पर कहा कि मेडिकल कर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
रांची के रातू सीएचसी में वैक्सीनेशन के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट की जरूरी करने के तुगलकी फरमान पर रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसा कोई नया नियम नहीं बनाया गया है. जब न्यूज 18 की टीम ने सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद से रातू सीएचसी में वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर सवाल किया तो उन्होंने पहले तो कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है फिर अपने कर्मियों के बचाव में कहने लगे कि हो सकता है कि किसी को सर्दी खांसी हो तो उसकी जांच के लिए कहा गया हो.
अपनी पत्नी सीता देवी को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने आए देव नारायण हो या खुद वैक्सीन लेने आए 67 वर्षीय आर के मिश्रा या फिर बिना वैक्सीन लिए बैरंग घर लौट रहे रामप्रवेश राय. इन सभी को परेशानी रातू सीएचसी के प्रभारी के तुगलकी फरमान से हुई है. रातू सीएचसी के प्रभारी का फरमान है कि कोरोना वैक्सीन लेने के लिए हाथ में कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है. ऐसे में अस्पताल में लाइन में लगकर कोरोना की जांच कराना लोगों को भारी पड़ सकता है. कई बुजुर्गों को अस्पताल में रहने से संक्रमण के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
सर्दी खांसी तक नहीं फिर भी कोरोना जांच के लिए डाला जा रहा दवाब
क्या कहता है नियम
वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी एसओपी में कहीं भी वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को अनिवार्य नहीं किया गया है. 45 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर अपना नाम रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा सकता है. सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर यह मुफ्त में मिलेगा, जबकि निजी वैक्सीनेशन सेंटर पर इसके लिए 250 रुपये शुल्क अदा करना होंगा. इतना साफ-साफ नियम के बावजूद वैक्सीनेशन के लिए कोरोना टेस्ट की तुगलकी फरमान को लेकर रातू सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा ने कहा कि प्रभारी के आदेश से ऐसा हो रहा है. वहीं प्रभारी डॉ कश्यप ने न्यूज 18 से फोन पर कहा कि मेडिकल कर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
रांची के रातू सीएचसी में वैक्सीनेशन के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट की जरूरी करने के तुगलकी फरमान पर रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसा कोई नया नियम नहीं बनाया गया है. जब न्यूज 18 की टीम ने सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद से रातू सीएचसी में वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर सवाल किया तो उन्होंने पहले तो कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है फिर अपने कर्मियों के बचाव में कहने लगे कि हो सकता है कि किसी को सर्दी खांसी हो तो उसकी जांच के लिए कहा गया हो.