पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं की दहशत से साहिबगंज में आए शरणार्थियों को 16 दिन हो चुके हैं. सभी शरणार्थी अब घर लौटना चाह रहे हैं, लेकिन शरणार्थियों का कहना है कि अभी भी टीएमसी के कार्यकर्ताओं को ख़ौफ़ उनके जहन में है. इन शरणार्थियों को अब अपने घरों की चिंता सताने लगी है, हालांकि कई शरणार्थी लौट भी चुके हैं लेकिन अभी भी करीब 67 लोग साहिबगंज में शरण लिए हुए हैं.
पश्चिम बंगाल से टीएमसी कार्यकर्ताओं की दहशत से बचने के लिए झारखंड में शरण लिए पंचायत प्रतिनिधियों को अब अपने घरों की चिंता सताने लगी है. दहशत के बावजूद भी कई लोगों वापस पश्चिम बंगाल अपने घर लौट चुके हैं, लेकिन अभी भी करीब 67 शरणार्थी अपने घर जाने की राह देख रहे हैं. ये सभी लोग परिवार सहित पश्चिम बंगाल के मालदा से भाग कर साहिबगंज पहुंचे हैं.
अपहरण और मारपीट जैसी घटनाओं से परेशान आकर घर छोड़ने पर मजबूर हुए पंचायत प्रतिनिधि बप्पी दा का कहना है कि टीएमसी के लोग भाजपा के लोगों को टीएमसी के लिए काम करवाने के लिए गुंडागर्दी करते हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी के लोग भाजपा की बढ़ती साख को पचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शरणार्थियों के रहने का स्थान बदल दिया है, शरणार्थियों का कैम्प बस स्टैंड के शेल्टर भवन में बनाया गया है, जहां खाने पीने और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई गई है.
पश्चिम बंगाल के इन शरणार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन इनकी सुरक्षा का जायजा लेते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कैंप में 67 शरणार्थी है, जिनकी सुरक्षा के साथ साथ इनकी सुरक्षित रूप से घर वापसी के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : June 05, 2018, 09:53 IST