तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग: पत्नी बोली- आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने दबाव में बदली धाराएं

तबरेज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामले की धाराओं में बदलाव किया. (फाइल फोटो)
तबरेज अंसारी की पत्नी एस परवीन आरोपियों पर से धारा बदले जाने से नाराज़ हैं. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि दबाव के चलते आरोपियों पर लगे धाराओं में बदलाव किया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: September 11, 2019, 12:07 PM IST
रांची. तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग (Tabrez Ansari Mob Lynching Case) मामले में नया मोड़ आ गया है. सभी 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला नहीं चलाने और धाराओं को बदल कर गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide) का मामला दर्ज करने से तबरेज की पत्नी (Wife) एस परवीन खासी नाराज़ हैं. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि दबाव के चलते आरोपियों पर लगे धाराओं में बदलाव किया गया है. वहीं इस मामले में सरायकेला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस. कार्तिक ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या का मामला नहीं बनता था, लेकिन आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर चार्जशीट फाइल की गई है.
हुई थी मॉब लिंचिंग
एस परवीन ने कहा कि मेरे पति को मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) में मार डाला गया है. पहले पुलिस (Police) ने हत्या का मामला दर्ज किया था लेकिन प्रशासन के दबाव में आने पर इसे गैर-इरादतन हत्या के मामले में तब्दील कर दिया गया. परवीन ने कहा कि प्रशासन आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहा है. मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
हत्या का मामला नहीं बनता
एसपी कार्तिक ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक इसमें हत्या का मामला नहीं बनता था. इसलिए गैर-इरादतन हत्या का मामला बनाया गया. धारा 304 में भी धारा 302 की तरह सजा के प्रावधान हैं. इसमें भी उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. सिर्फ फांसी की सजा नहीं हो सकती है. एसपी के मुताबिक पहली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर शक होने पर दूसरे मेडिकल बोर्ड से ओपिनियन मांगी गई. लेकिन दूसरे बोर्ड ने भी पहली रिपोर्ट को ही कन्फर्म किया. इसी आधार पर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. अब मामला कोर्ट के सामने है. अगर कोर्ट फिर से घटना की जांच का आदेश देता है, तो आगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

भीड़ ने पोल से बांधकर रात भर पीटा था
बता दें कि बीते 17 जून की रात को तबरेज अंसारी झारखंड के जमशेदपुर में अपने रिश्तेदार (बुआ) के घर से सरायकेला-खरसावां स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इस दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और पोल से बांधकर रात भर उसकी पिटाई की. कथित रूप से उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए गए. ग्रामीणों ने रात भर पीटने के बाद अगले दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
पुलिस ने घायल तबरेज का इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को उसे जेल भेज दिया था. इसके चार दिन बाद 22 जून की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही खरसावां थाना प्रभारी और सिनी ओपी प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
ये भी पढ़ेंः तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग: न्यूज़ 18 से बोले SP- धारा 302 हटाया नहीं, बल्कि उसे 304 में बदला
हुई थी मॉब लिंचिंग
एस परवीन ने कहा कि मेरे पति को मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) में मार डाला गया है. पहले पुलिस (Police) ने हत्या का मामला दर्ज किया था लेकिन प्रशासन के दबाव में आने पर इसे गैर-इरादतन हत्या के मामले में तब्दील कर दिया गया. परवीन ने कहा कि प्रशासन आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहा है. मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
S Parveen, wife of Tabrez Ansari: My husband was lynched, earlier case was registered under section 302 (murder) but it was later changed to section 304 (culpable homicide) under administration's influence. There is an attempt to save the culprits,CBI should investigate the case. https://t.co/ifcde4wZi6 pic.twitter.com/h3354x6uvR
— ANI (@ANI) September 11, 2019
हत्या का मामला नहीं बनता
एसपी कार्तिक ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक इसमें हत्या का मामला नहीं बनता था. इसलिए गैर-इरादतन हत्या का मामला बनाया गया. धारा 304 में भी धारा 302 की तरह सजा के प्रावधान हैं. इसमें भी उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. सिर्फ फांसी की सजा नहीं हो सकती है. एसपी के मुताबिक पहली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर शक होने पर दूसरे मेडिकल बोर्ड से ओपिनियन मांगी गई. लेकिन दूसरे बोर्ड ने भी पहली रिपोर्ट को ही कन्फर्म किया. इसी आधार पर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. अब मामला कोर्ट के सामने है. अगर कोर्ट फिर से घटना की जांच का आदेश देता है, तो आगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

तबरेज की पत्नी ने कहा कि पुलिस दबाव में काम कर रही है, मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
भीड़ ने पोल से बांधकर रात भर पीटा था
बता दें कि बीते 17 जून की रात को तबरेज अंसारी झारखंड के जमशेदपुर में अपने रिश्तेदार (बुआ) के घर से सरायकेला-खरसावां स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इस दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और पोल से बांधकर रात भर उसकी पिटाई की. कथित रूप से उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए गए. ग्रामीणों ने रात भर पीटने के बाद अगले दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
पुलिस ने घायल तबरेज का इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को उसे जेल भेज दिया था. इसके चार दिन बाद 22 जून की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही खरसावां थाना प्रभारी और सिनी ओपी प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
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