झारखंड के चाइबासा में नक्सलियों के हमले का शिकार हुए बीजेपी के पूर्व विधायक लाल घेरे में
रिपोर्ट- राहुल देव कुमार
चाईबासा. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित चाइबासा में मंगलवार को नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया. नक्सलियों के इस हमले में भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने तो भागकर अपनी जान बचा ली लेकिन इस हमले में पूर्व विधायक के दो बॉडीगार्ड शहीद हो गए. भाजपा नेता पूर्व विधायक गुरुचरण नायक काफी सालों से नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं लेकिन इस बार भी पूर्व विधायक के ड्राइवर ने अपनी समझ से केवल खुद की जान बचाई बल्कि गुरुचरण नायक और एक अंगरक्षक को भी बचाया.
दरअसल मंगलवार को पूर्व विधायक नायक उग्रवाद प्रभावित झिलरूवा में एक फुटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे थे, फाइनल मैच पुरस्कार वितरण समारोह कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया. इस हमले में नक्सलियों ने न केवल उनके सुरक्षा के लिए आये जवानों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी बल्कि उनके हथियार भी लूट लिए. नक्सली हमला देख पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने मैदान में बने मंच से दौड़ लगाई. हमले से सहमे नायक अपनी जान बचाने के लिए झीलरुआं हाई स्कूल के पीछे से होकर झाड़ियों में छिपते-छिपाते भागते रहे. इस दौरान नक्सलियों के चंगुल से नायक का एख बॉडीगार्ड राम कुमार टुडू भी निकल चुका था.
ड्राइवर की समझ ने टाली अनहोनी
पूर्व विधायक को मारने की नियत से आए नक्सलियों ने खेलकूद प्रतियोगिता में पहुंचे ग्रामीणों की बाइक सड़क पर रखकर भी सड़क जाम करने की कोशिश की लेकिन नायक के ड्राइवर किशोर महतो स्कॉर्पियो को मुख्य सड़क के पास ले गया और पूर्व विधायक समेत बॉडीगार्ड राम कुमार टुडू को किसी तरह से वाहन से भगा कर सीधे सोनुवा थाना पहुंचाया,
पूर्व विधायक पर नक्सलियों ने पहले भी किए हैं हमले
नक्सली बीजेपी के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक को पहले भी निशाना बना चुके हैं. विधायक रहने के दौरान 9 जनवरी 2012 को आनंदपुर थाना क्षेत्र के हरता व खटांगबेड़ा गांव के पास दो बार हमला किया गया था लेकिन नक्सलियों द्वारा हत्या करने की साजिश उस समय भी नाकाम हो गई थी.
झामुमो सांसद की हुई थी हत्या
चाईबासा में जिस तरह से भाजपा के पूर्व विधायक पर हमला हुआ है इसी तरह का हमला 4 मार्च 2007 को झामुमो सांसद सुनील महतो पर हुआ था. गुरुचरण नायक भी फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे थे. सुनील महतो भी बाघुड़िया में आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता में गए थे. दोनों घटनाक्रम में एक समानता यह है कि नक्सलियों ने घेर कर फायरिंग की थी लेकिन 2007 वाले मामले में सांसद सुनील महतो की जान चली गई थी, जबकि इस मामले में गुरुचरण नायक बाल बाल बचे.
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