Jharkhand News: झारखंड की एएनएम को ई स्कूटी मिलने से अब उन्हें दुर्गम स्थानों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में सहायता मिल रही है.
पश्चिमी सिंहभूम. स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में राज्य की एएनएम और सहिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. दरअसल अब चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) के सुदूरवर्ती दुर्गम क्षेत्रों में स्थित गांवों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में एएनएम के लिए ई- स्कूटी सहायक बन रही है. राज्य की एएनएम और सहिया स्कूटी के सहारे दुर्गम स्थानों पर भी दवा व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. अब ऐसे में पहाड़ों और जंगलों के निकट बसे गांवों के लोगों को भी सुविधाएं मिलने से उन्हें लाभ हो रहा है.
बता दें, चाईबासा के इस भूभाग में पहाड़ों के उतार-चढ़ाव के साथ जंगल की पगडंडियों के सहारे गांव तक पहुंचा जाता है. यह क्षेत्र देश के कम विकसित जिलों में से एक है और इसे केंद्र सरकार द्वारा आकांक्षी जिले के रूप में मान्यता दी गई है. जिले में ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन्हें कठिन पहाड़ी इलाकों के कारण दुर्गम क्षेत्र माना जाता है तथा स्वास्थ्य कर्मियों को कुछ ऐसी ही जगहों पर जाना पड़ता है, जहां पहुंचने का एकमात्र विकल्प पैदल चलना है. वर्तमान में चाईबासा के दूरस्थ 342 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में इसी समस्या का समाधान 180 स्कूटी के जरिये किया जा रहा है.
विभिन्न संस्थानों ने उपलब्ध कराई स्कूटी
प्रारंभिक चरण में प्रत्येक इलेक्ट्रिक स्कूटर को स्वास्थ्य उपकेंद्र में उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई. इस पूरी योजना के निष्पादन के लिए 30 से अधिक संगठनों से अनुरोध किया गया कि आवश्यक इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध कराएं या खरीदने के लिए जिला प्रशासन को वित्तीय सहायता प्रदान करें. कुछ ही दिनों में औद्योगिक संस्थानों के द्वारा जिला प्रशासन को इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध करवाया जाने लगा. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रदर्शन के आधार पर सूची तैयार की जाने लगी और ई-स्कूटी वितरण कार्य जिले में प्रारंभ हुआ. जिले में औद्योगिक संस्थानों जैसे एसीसी, केंद्रीय भंडारण निगम व टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से दुर्गम क्षेत्रों में ई-स्कूटी का वितरण सुनिश्चित किया गया.
कोरोना के दौरान स्कूटी से पहुंचाई गयी मदद
स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध कराया गया. कोविड-19 संक्रमण प्रसार को कम करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ी आबादी तक आसानी से पहुंचाया गया. इस कार्य में काफी हद तक ई -स्कूटी सहायक हुआ था. अब सहिया साथी जिले के दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवा ई- स्कूटी के जरिए उपलब्ध करा रहीं हैं. पहले ऐसा देखा जाता था कि सहिया को मरीजों तक पहुंचने में देर हो जाती थी. लेकिन, ई स्कूटी मिलने से अब सहिया ग्रामीणों तक जल्दी पहुंच जाती हैं.
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