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बीमार पति को देखने लॉकडाउन में 50 किमी साइकिल चलाई आदिवासी महिला

बीमार पति को देखने लॉकडाउन में 50 किमी साइकिल चलाई आदिवासी महिला

बीमार पति को देखने लॉकडाउन में 50 किमी साइकिल चलाई आदिवासी महिला

सुकुरमनी ने बताया कि लॉकडाउन (Lockdown) के कारण वह मायके में फंस गई थी. लेकिन उसे वहां अपने पति और घर की चिंता लगी रहती ...अधिक पढ़ें

    चाईबासा. कोरोना (Corona) से खुद को बचाने के लिए लोगों को घरों में बंद रहना जरूरी है. इसलिए सरकार और प्रशासन ने लॉकडाउन(Lockdown) लगाया है. लेकिन इसी लॉकडाउन के बीच जब दूर किसी अपनों की जान खतरे में पड़ जाए, तो क्या करेंगे. शायद वहीं करेंगे, जो सुकुरमुनी कंडेईबुरु ने की. गोद में दूधमुंही बच्ची को लेकर साइकिल पर पति को देखने निकल गई. 50 किमी का सफर तय कर वह अपने पति के पास पहुंची.

    लॉकडाउन के कारण मायके में फंस गई थी  

    दरअसल सुकुरमनी लॉकडाउन के पहले अपनी बच्ची को लेकर अपने मायके सोनुवा थानाक्षेत्र स्थित महुलडीहा गांव चली गई थी. फिर जब कोरोना को लेकर लॉकडाउन लगा, तो वह ससुराल नहीं लौट पाई. वाहन चलना बंद हो गया और वह मायके में ही फंस गई. लेकिन गुरुवार को जब उसे पता चला कि चाईबासा मुफ्फसिल थाना के पासाहातु गांव में उसका पति बीमार पड़ गया है. तो वह कोरोना के खौफ को दरकिनार करते हुए अपनी दूधमुंही बच्ची को गोद में लेकर साइकिल से ससुराल के लिए निकल पड़ी. सुकुरमुनी सुबह 6 बजे से 11.30 बजे तक लगातार 50 किमी साइकिल चलाकर पति के पास पहुंची. पति को देखने के बाद उसका मन शांत हुआ.

    पति को देखा तो सुकून मिला

    सुकुरमनी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वह मायके में फंस गई थी. लेकिन उसे वहां अपने पति और घर की चिंता लगी रहती थी. इस बीच जब उसे पति बसुंडा कंडेईबुरु के बीमार होने की सूचना मिली, तो वह खुद को रोक नहीं पाई. और बेचैन अवस्था में कोई वाहन नहीं मिला, तो साइकिल से ही पति के पास पहुंच गई.

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    Tags: Chaibasa news, Coronavirus, Jharkhand news

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