नई दिल्ली. Third Gender People Reservation in Employment: मद्रास उच्च न्यायालय ने थर्ड जेंडर लोगों को मंगलवार को यह स्वतंत्रता दी कि वे रोजगार में आरक्षण की अपनी मांग के लिए सरकार या संबंधित अधिकारियों पर दबाव डाल सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पी डी औदिकेसवालु की प्रथम पीठ ने ग्रेस बानू गणेशन की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह इजाजत दी.
याचिका में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देने की मांग की गई वह उनके द्वारा भरी जाने वाली रिक्तियों में एक फीसदी आरक्षण के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाएं. इसमें मद्रास उच्च न्यायालय की हाल की अधिसूचना का भी हवाला दिया गया. इसके जवाब में रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि किसी भी थर्ड जेंडर व्यक्ति की ओर से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.
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इस पर अदालत ने कहा कि भविष्य में भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण पर जोर देने के थर्ड जेंडर लोगों के अधिकार और याचिकाकर्ता को प्रभावित किए बगैर याचिका का निबटारा किया जाता है. (भाषा के इनपुट के साथ)
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