नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट यानि एनडीए ने 26 मई 2014 में काम करना शुरू किया. इन आठ सालों में देश हो या विदेश मोदी वाकई भरोसे और विकास के ब्रांड बन गए. उन्होंने कई ऐसे काम किए जो वाकई खास रहे. उन्होंने देश को अपने तरीके से जागृत किया और एक नया आत्मविश्वास भी दिया.
कहा जाता है इतिहास विजेताओं के बारे में लिखा गया दस्तावेज होता है. अपने 08 साल के कार्यकाल में मोदी ने आम आदमी की तकलीफ समझी. उनसे गहरे तक जुड़ने और नए बनते भारत से जोड़ने की कोशिश की.
1. ब्रांड मोदी का मतलब
ब्रांड मोदी राष्ट्रीय तौर पर सबसे भरोसेमंद और दिल जीतने वाला ब्रांड बन चुका है. उन्हें लेकर कोविड बाद के दौर में दुनियाभर में उनकी स्वीकार्यता रेटिंग दौर सबसे ज्यादा 70 फीसदी है, ऐसे मुश्किल समय में दुनिया में किसी नेता की ऐसी स्वीकार्यता नहीं है. मोदी के कार्यकाल में हमने 1991-92 के बाद सबसे ज्यादा सुधार देखे हैं. उन्होंने अपनी सियासी इच्छाशक्ति से देश की जटिल संरचना में नकद इकोनामी को औपचारिक इकोनामी में बदला. कौन सोच सकता था कि 08 सालों में हम इतनी तेजी से डिजिटल ट्रांजिक्शन इकोनामी की बढ़ जाएंगे.
2. सुधारों की लंबी लिस्ट
मोदी के सुधारों की लिस्ट लंबी है लेकिन इसमें हेल्थकेयर, गरीबों को घर, ग्रामीण विद्युतीकरण, टायलेट, गैस, इंटरनेट कनेक्टिविटी और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में लोगों को मिले लाभ शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने खातों तक सीधे 300 से अधिक योजनाओं के जरिए लोगों तक तेजी से धन पहुंचाया.
इज आफ डूइंग बिजनेस 2.0 और वैश्विक नवीकरण इंडैक्स में तो वो ऊपर चढ़ा ही साथ ही विदेशी निवेश के मामले दुनिया की सबसे बेहतरीन जगह बनकर उभरा. जिसमें 20-21 में 80 बिलियन डालर का निवेश हुआ.
3. स्टार्टअप के मामले में दुनिया का तीसरा बड़ा देश
मोदी के इस दौर और समय में औसत भारतीय दृष्टिकोण में ज्यादा वैश्विक हुआ है और मातृभूमि को लेकर ज्यादा राष्ट्रवादी. गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की जिंदगी और बेहतर हुई. घोर गरीबी खत्म हो चुकी है. शिक्षित और स्किल्ड भारतीय बिजनेस में ज्यादा उद्यमी और जोखिम लेने वाला बन रहा है, क्योंकि एक अनुकूल इकोसिस्टम स्टार्टअप के लिए तैयार हो चुका है, जिसके चलते भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप देश बन चुका है.
4. गर्वनेंस के मामले में अव्वल
अगर घरेलू स्तर पर देखें तो मोदी सरकार का आठ साल का कार्यकाल उनके गर्वनेंस के स्कोरकार्ड को भरापूरा दिखाता है. जिसमें उपलब्धियां ही उपलब्धियां हैं. जिसका जिक्र हम ऊपर कर चुके हैं. दूसरे कार्यकाल में 2024 तक वह सोशल सेक्टर की तमाम योजनाओं को पूरा करने के करीब हैं.
5. फ्री मार्केट इकोनॉमी की ओर
मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह सोशलिस्ट दौर के पंच वर्षीय प्लानिंग मॉडल से फ्री मार्केट ग्लोबल मैट्रिक में बदला, जो एक दो साल नहीं बल्कि 25 साल की योजना लेकर चलता है.
सोशलिस्ट दौर की जगह फ्री मार्केट इकोनामी से पैसा बनाना कोई गुनाह नहीं है. कारपोरेट टैक्स तार्किक हुए हैं. टैक्स टेरेरिज्म और रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन ने माहौल को बदलकर बिजनेस फ्रेंडली किया है. सरकार ने इस साल 25000 से ज्यादा कंप्लाएंसेस कम किये हैं, 1486 केंद्रीय कानून खत्म किए हैं और इंडस्ट्रियल रिलेशन लेबर की 04 संहिताओं में 29 श्रम कानून शामिल किए ताकि बड़े निवेश की स्थिति में बेहतर माहौल मिले.
6. बड़े ग्लोबल लीडर की ओर
हम वर्ल्ड आर्डर में यूनिपोलर से मल्टीपोलर में तब्दील हो रहे हैं. इसने मोदी को मौका दिया कि वो भारत को बड़े ग्लोबल लीडर और गर्वनेंस के तौर पर पेश करें. क्योंकि दुनियाभर का विश्वास चीन और रूस को लेकर कम हुआ है. वहीं भारत ने मोदी की योजनाओं और प्रोजेक्ट्स के जरिए खुद को नियमित, बेहतर और स्थायित्व से भरा दिखाया है. विदेश नीति में भी हमारी लीडरशिप की स्टेबिलिटी नजर आती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Modi, Modi government, Modi Govt, Modi Sarkar, Narendra modi