वर्तमान में ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई भी आयतुल्लाह हैं.
वर्तमान में ईरान के सर्वोच्च नेता का नाम है सैयद अली हसन खामनेई (Sayyid Ali Hosseini Khamenei) लेकिन पश्चिमी मीडिया उन्हें अयातुल्ला खामनेई ही कहकर पुकारता है. इससे पहले 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति करने वाले सैयद रुहोल्ला मुसावी खामनेई (Sayyid Ruhollah Musavi Khomeini) को भी पश्चिमी देशों का मीडिया अयातुल्ला खामनेई के ही नाम से संबोधित करता रहा. वक्त के साथ ये नाम इन धार्मिक नेताओं पर चस्पा हो गया जबकि वास्तविकता में 'अयातुल्ला' नाम न होकर शिया इस्लाम में एक पद है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान समय में ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में विख्यात अयातुल्ला अली खामनेई अकेले अयातुल्ला नहीं हैं. देश में और भी कई धार्मिक विद्वान हैं जिन्हें अयातुल्ला का पद मिला हुआ है. लेकिन आम भेड़-चाल के कारण अयातुल्ला नाम को ईरान के सर्वोच्च नेता के नाम के साथ जोड़ दिया गया है.
कैसे बनते हैं अयातुल्ला
अयातुल्ला शब्द आयत और अल्लाह के मेल से बना हुआ है. इसका मतलब होता है अल्लाह की निशानी. दिल्ली में कश्मीरी गेट स्थित शिया जामा मस्जिद के इमाम मोहसिन तकवी कहते हैं कोई भी शिया व्यक्ति अयातुल्ला के पद तक पहुंच सकता है. हालांकि वो कहते हैं कि इस पद पर पहुंचने के लिए कोई इलेक्शन नहीं होता है और न ही कोई ऐसा बोर्ड है जो इसका चयन करता है. अगर किसी व्यक्ति को अयातुल्ला बनना है तो उसे ईरान, इराक या लेबनॉन में कई सालों तक धार्मिक शिक्षण का काम करना होता है. कुरान और शिया इस्लाम से संबंधित मामलों में उसकी जानकारी का स्तर बेहतरीन होना चाहिए. वक्त और अनुभव के साथ उस व्यक्ति को शिक्षण संस्थानों में अयातुल्ला कहा जाने लगता है. इमाम मोहसिन तकवी के मुताबिक इस वक्त ईरान में करीब 100 से ज्यादा अयातुल्ला हैं. लेकिन ईरान का सुप्रीम लीडर बनने के लिए चुनाव होता है. वर्तमान सुप्रीम लीडर 1989 में चुनाव जीतकर ही इस पद पर बैठे थे.
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