कोरोना संक्रमण का ग्राफ तो नीचे जा रहा है लेकिन इस बीच तीसरी लहर का डर लगातार जताया जा रहा है. संक्रमण से बचने के लिए वैक्सिनेशन पर जोर दिया जा रहा है. वैक्सिनेशन की धूम के बीच एक नया ट्रेंड भी दिखा. लोग टीकाकरण के लिए विदेश जा रहे हैं कि वैक्सीन भी लग जाए और साथ में घूमना-फिरना भी हो जाए. अब खबर ये भी आ रही है कि हमारे यहां से लोग वैक्सीन लेने नेपाल का भी रुख कर रहे हैं, जहां चीनी वैक्सीन मिल रही है.
यात्रा का नया ट्रेंड दिख रहा
वैक्सीन टूरिज्म की खूब खबरें आ रही हैं. इसमें लोग बड़े और खूबसूरत देश घूमते हुए साथ में टीका लगवा रहे हैं. बहुत से देशों ने आपस में ऐसा करार किया है. इसमें वैक्सीन निर्माता देश, ट्रैवल के लिहाज से शानदार देश से एग्रीमेंट करता है. इसके बाद वो उस देश को टीका उपलब्ध कराता है ताकि वहां आ रहे सैलानियों का टीकाकरण हो सके. ये एकाध दिन नहीं, बल्कि हफ्तों की प्रक्रिया होती है. इससे पर्यटन के लिए खुले देश को भी फायदा होता है और टीका उपलब्ध करवाते देश को भी.

कथित तौर पर काठमांडू में एकाएक भारी संख्या में भारत से लोग आ रहे हैं- सांकेतिक फोटो (pixabay)
कई देशों ने किया करार
लगभग डेढ़ सालों से लोग बंदी और बीमारी के कहर से जूझ रहे हैं, ऐसे में विदेश घूमते हुए टीका लगने का ऑफर उन्हें भी लुभा ही रहा है. इसमें कई देश आपस में जुड़कर काम कर रहे हैं. जैसे दक्षिण अफ्रीका से लोग टीकाकरण के लिए जिम्बॉब्वे जा रहे हैं. वहीं कनाडा और दक्षिण अमेरिका से लोग अमेरिका का रुख कर रहे हैं. डियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस और मालदीव भी आपस में किसी करार की प्रक्रिया में हैं.
नेपाल जाकर चीनी टीका लगवाने की खबरें
ये तो ठहरे विकसित देश, जहां टीकाकरण और पर्यटन साथ-साथ हो पा रहा है. लेकिन इस बीच ये खबर भी आ रही है कि बहुत से भारतीय अपना देश छोड़कर टीका लेने के लिए नेपाल पहुंच रहे हैं, जहां चीनी वैक्सीन मिल रही है. बता दें कि चीनी वैक्सीन के बारे में खुद वहीं के वैज्ञानिक सवाल उठा चुके कि ये उतनी प्रभावी नहीं. तो क्या वाकई भारतीय वैक्सीन लेने के लिए नेपाल पहुंच रहे हैं?

नेपाल सरकार पहले अपने लोगों को वैक्सीन दे रही है- सांकेतिक फोटो ( news18 English via AP)
क्या चीनी वीजा है वजह?
इस बारे में बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है. काठमांडू के अस्पतालों में लोग भारी बैग लेकर वैक्सीन लगवाने की कतार में खड़े थे. ऐसा लगता था, जैसे वे किसी हड़बड़ी में हों. बाद में पड़ताल पर पता चला कि वे वैक्सीन लेकर चीन जाना चाहते हैं.
चाइनीज टीका ही चीन में एंट्री दिलवा सकता है
दरअसल चीन ने अपने अलावा किसी दूसरी वैक्सीन लगवाए लोगों को अपने यहां आने की इजाजत नहीं दी है. ऐसे में व्यापार के लिए लगातार चीन जाते लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई. अगर वे अपने यहां वैक्सीन लगवाते हैं तो कोरोना से बचाव तो काफी हद तक होगा लेकिन बिजनेस के लिए चीन के दरवाजे नहीं खुलेंगे. यही कारण है कि वे केवल व्यापार के मकसद से नेपाल जाकर चीनी वैक्सीन लगवा रहे हैं.

ट्रैवल के नए चलन को वैक्सीन टूरिज्म कहा जा रहा है- सांकेतिक फोटो (pixabay)
ये तो हुआ एक पहलू, लेकिन दूसरा पक्ष भी है
पीटीआई के मुताबिक नेपाल की हेल्थ मिनिस्ट्री ने ऐसी बातों को खारिज किया कि भारत से लोग चीनी वैक्सीन लेने नेपाल आ रहे हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री के सूचना अधिकारी के हवाले से ये बात कही गई. इसका जिक्र यूरेशियन टाइम्स वेबसाइट में है. काठमांडू के अधिकारियों के मुताबिक वे इसका पक्का डाटा रख रहे हैं कि किन्हें वैक्सीन मिल रही है और इस बात का कोई प्रमाण नहीं कि भारत से लोग नेपाल महज इसलिए आ रहे हैं.
नेपाल में अपने लोगों के टीकाकरण को प्राथमिकता
इसके अलावा नेपाल सरकार पहले अपने लोगों को वैक्सीन दे रही है. इसके बाद ही किसी दूसरे देश के नागरिकों को टीका मिल सकेगा. इस लिहाज से भी ये बात मुमकिन नहीं लगती कि नेपाल जाकर हमारे यहां से लोग चीनी टीका ले रहे हैं. इसके अलावा दुनियाभर में बार-बार चीनी वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.
चाइनीज वैक्सीन पर उठ चुके हैं सवाल
वैज्ञानिकों का बड़ा तबका मानता है कि टीका बगैर किसी ट्रांसपरेंसी तैयार हुआ है और इसलिए उतना असरदार नहीं. यही कारण है कि बहुतेरे देशों ने चीनी टीका खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. हमारे यहां भी स्पूतनिक-वी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिली. दूसरी वैक्सीन्स पर भी बात चल रही है लेकिन चीनी वैक्सीन का कभी कोई जिक्र नहीं हुआ. वैसे इसके पीछे केवल टीके का असर नहीं, बल्कि भारत-चीन संबंधों में तनाव भी हो सकता है.
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Tags: China, China and nepal, China and Nepal Border, Coronavirus vaccine india, Nepal
FIRST PUBLISHED : June 22, 2021, 07:42 IST