अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने कोरोना वैक्सीन के लिए बौद्धिक संपदा संरक्षण (Intellectual Property protection) कानून में छूट देने का फैसला है. बाइडन प्रशासन ने यह कदम दुनिया में चल रहे उन प्रयासों के मद्देनजर किया जिनमें विकासशील देशों में कोविड-19 की खतरनाक स्थिति की कारण मांग की जा रही थी कि अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (WTO) में उनका समर्थन कर वैक्सीन तक पहुंच बनाने में उनकी मदद करे. लेकिन इस प्रस्ताव को मानना बाइडन के लिए आसान नहीं था.
क्या जरूरी है अमेरिका का समर्थन
अमेरिका की विश्व व्यापार संगठन में मजबूत और प्रभावी पकड़ है. ऐसे में साफ था का बौद्धिक संपदा संरक्षण कानून यानि पेटेंट कानून में छूट के लिए बाइडन प्रशासन की मंजूरी बहुत जरूरी थी. बाइडन प्रशासन के लिए यह आसान इसलिए नहीं था क्योंकि अमेरिका खुद हमेशा से बैद्धिक संपदा कानून का पैरोकार रहा है और ऐसे में उसे दवा कंपनियों की नाराजगी भी झेलने का खतरा था. लेकिन बाइडन को भारत और दक्षिण अफ्रीका के इस प्रस्ताव का समर्थन देने के लिए झुकना ही पड़ा.
क्या होगा इस प्रस्ताव से
इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि दुनिया में फैली कोरोना महामारी के प्रकोप के चले बैद्धिक संपदा संरक्षण के कुछ नियमों में ढील दी जाए, जिससे सभी को वैक्सीन के निर्माण की जानकारी तक पहुंच हासिल हो सके जो इन नियमों से फिलहाल संभव नहीं है. इस छूट से विकासशील देशों में तेजी से वैक्सीन का निर्माण हो सकेगा और जरूरतमंदों को सही समय पर मदद मिल सकेगी.

अब विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस प्रस्ताव पर सहमति बनानी होगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
सहमत होना पड़ा बाइडन को
भारत और दक्षिण अमेरिका में महामारी का भयंकर रूप देखने को मिल रहा है. ऐसे में इस प्रस्ताव के समर्थन में बहुत से डेमोक्रेट कांग्रेस सदस्य सामने आए हैं. ऐसे में बाइडन को यह फैसला लेना ही पड़ा और बुधवार को अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाइन को बाइडन प्रशासन की ओर से यह घोषणा करनी ही पड़ी. उन्होंने अपने बयान में कहा कि यह वैश्विक आपदा है और असामान्य हालातों में असामान्य कदम उठाने की जरूरत है.
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तो क्या अब पास हो जाएगा प्रस्ताव
टाइ ने इस बयान में यह भी कहा है कि अमेरिका बैद्धिक संपदा संरक्षण में बहुत ज्यादा विश्वास करता है लेकिन इस महामारी को खत्म करने के ले वह कोविड वैक्सीन के संरक्षण में छूट देने का समर्थन करता है. न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस का समर्थन इस बात की गारंटी नहीं होगा कि छूट मिल ही जाएगी. इसके रास्ते में यूरोपियन यूनियन की बाधा का भी सामना करना होगा.

इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए विकासशील देशों को यूरोपीय संघ (European Union) को भी मनाना होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
समय लग सकता है
अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा संरक्षण नियमों में बदलाव के लिए सर्वसम्मति की जरूरत होगी. टाई का कहना है कि अमेरिका विश्व व्यापार संगठन में इस मुद्दे पर होने वाली बातचीत में भाग लेगा, लेकिन इस मुद्दे पर आम सहमित की जरूरत होने के कारण इसमें काफी समय लग जाएगा. वहीं इस मामले में दवा कंपनियों ने नाराजगी जाहिर की है. फार्मास्यूटिकल्स रिसर्च एंड मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ अमेरिका के मुख्य कार्यकारी और अध्यक्ष स्टीफन जे यूबल का कहना है कि इससे महामारी से लड़ने के प्रयासों को धक्का लगेगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन प्रशासन की घोषणा केवल एक कदम भर है जबकि प्रस्ताव पास करने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है, उसका ऐसा प्रारूप बनाना होगा जिस पर सभी सहमत हों और उसके बाद क्या और कैसे होगा इस पर भी काफी काम करना होगा. वहीं बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि छूट दुनिया में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ा देगी इसकी गारंटी नहीं हैं.undefined
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Tags: Corona Virus, COVID 19, Covid vaccine, COVID-19 pandemic, Joe Biden, Research, Science, USA
FIRST PUBLISHED : May 06, 2021, 10:44 IST