इबोला की तरह ही आया दुर्लभ वायरस चपारे, यहां जानें इसके बारे में सब कुछ

सरकार बल प्रदर्शन की बजाय चाहती है कि इसका पालन करने में पब्लिक आगे बढ़कर सहयोग करे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पहली बार चापेर वायरस (Chapare Virus) 2003 में बोलीविया के चैपर इलाके में देखा गया था. इसके बाद पिछले साल बोलीविया की राजधानी ला पैज में इसका प्रकोप देखा गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 23, 2020, 8:04 PM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इबोला जैसे ही एक वायरस की खोज की है जो इंसान से इंसान में फैलता है और इसका नाम चपारे है. बोलीविया में इसके पैदा होने की बात कही गई है. कोरोना वायरस जैसी एक महामारी पहले ही चल रही है, ऐसे में चपारे वायरस चिंता का विषय कहा जा सकता है और इसके आउटब्रेक की भी आशंका है.
चपारे वायरस क्या है
वायरसों के Arenaviridae परिवार से ही चपारे वायरस आता है. इससे ही इबोला वायरस आता है. इससे हैमोरहेजीक फीवर होता है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमितों के संपर्क में आने से फैलता है. यह एक दुर्लभ बीमारी है और इससे कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि यह बोलीविया में पता चलने से पहले काफी समय से होगा.
चपारे वायरस का ट्रांसमिशन कैसे हुआCDC का कहना है कि इसका ट्रांसमिशन चूहों से हुआ होगा. संक्रमित इंसान के डायरेक्ट संपर्क में आने के अलावा मल और मूत्र के संपर्क में आने से भी यह फैलता है. अब यह भी पता चला है कि यह संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है.
क्या हैं लक्षण
चपारे वायरस संक्रमित में बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, जोड़ों में दर्द, दस्त की समस्या, उल्टी, चकत्ते होना आदि लक्षण हैं.
चपारे वायरस के लक्षण
अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन संक्रमित को हाइड्रेशन, दर्द निवारक दवा आदि सपोर्टिव केयर दी जाती है. चपेरा वायरस का संक्रमण सपोर्टिव ट्रीटमेंट पर ही निर्भर करता है.

चपारे वायरस की पिछली घटनाएं
पहली बार यह 2003 में बोलीविया के चैपर इलाके में देखा गया था. इसके बाद पिछले साल बोलीविया की राजधानी ला पैज में इसका प्रकोप देखा गया था. पांच रोगी इससे संक्रमित हुए जिनमें तीन स्वास्थ्य कर्मी थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी. शोधकर्ता इस पर अभी और रिसर्च कर रहे हैं.
चपारे वायरस क्या है
वायरसों के Arenaviridae परिवार से ही चपारे वायरस आता है. इससे ही इबोला वायरस आता है. इससे हैमोरहेजीक फीवर होता है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमितों के संपर्क में आने से फैलता है. यह एक दुर्लभ बीमारी है और इससे कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि यह बोलीविया में पता चलने से पहले काफी समय से होगा.
चपारे वायरस का ट्रांसमिशन कैसे हुआCDC का कहना है कि इसका ट्रांसमिशन चूहों से हुआ होगा. संक्रमित इंसान के डायरेक्ट संपर्क में आने के अलावा मल और मूत्र के संपर्क में आने से भी यह फैलता है. अब यह भी पता चला है कि यह संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है.
क्या हैं लक्षण
चपारे वायरस संक्रमित में बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, जोड़ों में दर्द, दस्त की समस्या, उल्टी, चकत्ते होना आदि लक्षण हैं.
चपारे वायरस के लक्षण
अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन संक्रमित को हाइड्रेशन, दर्द निवारक दवा आदि सपोर्टिव केयर दी जाती है. चपेरा वायरस का संक्रमण सपोर्टिव ट्रीटमेंट पर ही निर्भर करता है.
चपारे वायरस की पिछली घटनाएं
पहली बार यह 2003 में बोलीविया के चैपर इलाके में देखा गया था. इसके बाद पिछले साल बोलीविया की राजधानी ला पैज में इसका प्रकोप देखा गया था. पांच रोगी इससे संक्रमित हुए जिनमें तीन स्वास्थ्य कर्मी थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी. शोधकर्ता इस पर अभी और रिसर्च कर रहे हैं.