Explained: क्यों अनानास जैसे मीठे फल को लेकर चीन और ताइवान भिड़े?

ताइवान में सालाना लगभग 420,000 टन अनानास की पैदावार हो रही है
ताइवानी अनानास (Taiwan pineapple ban) वैसे तो दुनिया के 16 देशों को भेजा जाता है लेकिन चीन इसका सबसे बड़ा खरीददार है. अब चीन ने इस फल पर पाबंदी लगा दी है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 1, 2021, 2:49 PM IST
एक तरफ तो चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है तो दूसरी ओर लगातार उसके साथ बदसुलूकी भी कर रहा है. अभी ही उसने ताइवान से आने वाले अनानास पर बैन लगा दिया. उसने इस प्रतिबंध के पीछे तर्क देते हुए कहा कि वहां से आने वाले अनानास में कीड़े पाए गए हैं, यानी फलों का आना बायोसेफ्टी का मुद्दा है. चीन की ये पाबंदी ताइवान का भारी नुकसान कर सकती है.
चीन का रवैया समझने से पहले एक बार ये समझते हैं कि आखिर ताइवान से अनानास का आयात रोकने पर ताइवान को कितना नुकसान हो सकता है. दरअसल अनानास ताइवान की अर्थव्यवस्था का काफी मजबूत आधार रहा है. यहां चीनी और चावल के बाद तीसरा उत्पाद अनानास ही है, जो तेजी से आयात हो रहा है. यहां तक कि अनानास उत्पादन के मामले में दुनिया में सबसे आगे खड़ा देश हवाई भी ताइवान को अपने बड़े प्रतिद्वंदी की तरह देखने लगा.

बीते कुछ ही सालों से ताइवान में सालाना लगभग 420,000 टन अनानास की पैदावार हो रही है. इसमें से लगभग 11% फल दुनिया के 16 देशों को बेचा जा रहा है. इसमें में अनानास का सबसे बड़ी खरीददार चीन है, जो कुल आयात का 90 प्रतिशत हिस्सा ले रहा है. साल 2020 में ही चीन ने इस देश से 41,661 टन अनानास खरीदा था, जिसकी लागत 1.5 बिलियन डॉलर रही. इसके बाद जापान, हांगकांग और सिंगापुर भी ताइवानी अनानास खरीदते हैं.ये भी पढ़ें: कौन हैं नर्स पी निवेदा, जिन्होंने PM मोदी को कोरोना का टीका लगाया?
इतने अनानास के उत्पादन के लिए जाहिर है कि ताइवान की बड़ी आबादी काम में जुटी रहती है. हालांकि साल 2020 में ही एकाएक चीन ताइवान के लिए सख्त हो गया. उसने शिकायत की थी कि ताइवान से आए फल की खेप में कीड़े लगे अनानास भी थे. चीन ने तभी संकेत दिया था कि वो इस देश से अनानास की खरीददारी बंद कर सकता है. हुआ भी यही. मार्च महीने की शुरुआत से ही चीन ने अपने बैन की आधिकारिक घोषणा कर दी.

दूसरी ओर ताइवान ने चीन के अनानास में कीट की बात को गलत कहते हुए इसे अपने खिलाफ दुष्प्रचार बताया. एक ट्वीट में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसकी तरफ से भेजे जा रहे 100 प्रतिशत फल सख्त निगरानी से गुजरते हैं और बिल्कुल ठीक हैं.
ताइवान की बात में कहीं न कहीं दम भी लगता है. असल में चीन की पुरानी आदत है कि किसी भी देश से मतभेद बढ़ने पर वो कोई न कोई आरोप लगातार उससे अपना व्यापारिक संबंध खत्म कर देता है. साल 2020 में ही कोरोना वायरस के मामले में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन पर संदेह किया था. तब भड़का हुआ चीन अमेरिका का तो कुछ बिगाड़ नहीं सका लेकिन ऑस्ट्रेलिया के साथ जरूर गड़बड़ी शुरू कर दी.
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ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक तभी चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला, शराब, बीफ और झींगा मछली की खरीदी पर बैन लगा दिया था. इस बीच एक बदलाव ये हुआ कि ताइवान और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार आया. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने ताइवान से अनानास के आयात को मंजूरी दे दी. खुद ताइवान की काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर (COA) ने इस बात की आधिकारिक घोषणा की थी. दोनों देशों के बीच एक-दो नहीं, बल्कि पांच सालों का एग्रीमेंट हुआ.

चीन के संबंध ताइवान के साथ पहले से ही खराब चल रहे थे. वो लगातार इस देश को अपना हिस्सा मानते हुए दूसरे देशों से उसके संबंध को हतोत्साहित करने में लगा रहता है. इधर ताइवान खुद को अलग देश मानते हुए चीन के वर्चस्व से इनकार करता आया है. इस बीच ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश से ताइवान के मजबूत व्यापारिक संबंध बनते देख चीन को और गुस्सा आया. लिहाजा हो सकता है कि उसने जानबूझकर ताइवान से आयातित अनानास को खराब बताया ताकि देश की अर्थव्यवस्था को धक्का लगे.
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खुद ताइवान को चीन की पाबंदी को लेकर यही संदेह है. वहां की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने ताइवान पर चीनी बैन की तह में ऑस्ट्रेलिया से ताइवान के अच्छे संबंधों को मानते हुए कहा कि देश के अनानास बेहद कड़ी निगरानी से होकर गुजरते हैं. ऐसे में खराब फलों की खेप दूसरे देश जाने का कोई सवाल ही नहीं आता. चूंकि चीन इस देश के अनानास का सबसे बड़ा आयातक देश है, तो जाहिर है कि इस बैन से किसानों को बड़ा धक्का लग सकता है. यही कारण है कि ताइवान के लोग सोशल मीडिया पर चीन के लिए अपना गुस्सा दिखा रहे हैं.
चीन का रवैया समझने से पहले एक बार ये समझते हैं कि आखिर ताइवान से अनानास का आयात रोकने पर ताइवान को कितना नुकसान हो सकता है. दरअसल अनानास ताइवान की अर्थव्यवस्था का काफी मजबूत आधार रहा है. यहां चीनी और चावल के बाद तीसरा उत्पाद अनानास ही है, जो तेजी से आयात हो रहा है. यहां तक कि अनानास उत्पादन के मामले में दुनिया में सबसे आगे खड़ा देश हवाई भी ताइवान को अपने बड़े प्रतिद्वंदी की तरह देखने लगा.

चीन की ये पाबंदी ताइवान का भारी नुकसान कर सकती है- सांकेतिक फोटो (pixabay)
इतने अनानास के उत्पादन के लिए जाहिर है कि ताइवान की बड़ी आबादी काम में जुटी रहती है. हालांकि साल 2020 में ही एकाएक चीन ताइवान के लिए सख्त हो गया. उसने शिकायत की थी कि ताइवान से आए फल की खेप में कीड़े लगे अनानास भी थे. चीन ने तभी संकेत दिया था कि वो इस देश से अनानास की खरीददारी बंद कर सकता है. हुआ भी यही. मार्च महीने की शुरुआत से ही चीन ने अपने बैन की आधिकारिक घोषणा कर दी.

अनानास के उत्पादन के लिए ताइवान की बड़ी आबादी काम में जुटी रहती है= सांकेतिक फोटो (pixabay)
दूसरी ओर ताइवान ने चीन के अनानास में कीट की बात को गलत कहते हुए इसे अपने खिलाफ दुष्प्रचार बताया. एक ट्वीट में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसकी तरफ से भेजे जा रहे 100 प्रतिशत फल सख्त निगरानी से गुजरते हैं और बिल्कुल ठीक हैं.
The ban on #Taiwan pineapples by #China flies in the face of rules-based, free & fair trade. The fruit is of the highest quality & meets the strictest international certification standards. We call on #Beijing to reverse the decision! pic.twitter.com/DQxjVlkY0G
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) 🇹🇼 (@MOFA_Taiwan) February 26, 2021
ताइवान की बात में कहीं न कहीं दम भी लगता है. असल में चीन की पुरानी आदत है कि किसी भी देश से मतभेद बढ़ने पर वो कोई न कोई आरोप लगातार उससे अपना व्यापारिक संबंध खत्म कर देता है. साल 2020 में ही कोरोना वायरस के मामले में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन पर संदेह किया था. तब भड़का हुआ चीन अमेरिका का तो कुछ बिगाड़ नहीं सका लेकिन ऑस्ट्रेलिया के साथ जरूर गड़बड़ी शुरू कर दी.
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ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक तभी चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला, शराब, बीफ और झींगा मछली की खरीदी पर बैन लगा दिया था. इस बीच एक बदलाव ये हुआ कि ताइवान और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार आया. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने ताइवान से अनानास के आयात को मंजूरी दे दी. खुद ताइवान की काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर (COA) ने इस बात की आधिकारिक घोषणा की थी. दोनों देशों के बीच एक-दो नहीं, बल्कि पांच सालों का एग्रीमेंट हुआ.

ताइवान का कहना है कि देश के अनानास बेहद कड़ी निगरानी से होकर गुजरते हैं
चीन के संबंध ताइवान के साथ पहले से ही खराब चल रहे थे. वो लगातार इस देश को अपना हिस्सा मानते हुए दूसरे देशों से उसके संबंध को हतोत्साहित करने में लगा रहता है. इधर ताइवान खुद को अलग देश मानते हुए चीन के वर्चस्व से इनकार करता आया है. इस बीच ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश से ताइवान के मजबूत व्यापारिक संबंध बनते देख चीन को और गुस्सा आया. लिहाजा हो सकता है कि उसने जानबूझकर ताइवान से आयातित अनानास को खराब बताया ताकि देश की अर्थव्यवस्था को धक्का लगे.
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खुद ताइवान को चीन की पाबंदी को लेकर यही संदेह है. वहां की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने ताइवान पर चीनी बैन की तह में ऑस्ट्रेलिया से ताइवान के अच्छे संबंधों को मानते हुए कहा कि देश के अनानास बेहद कड़ी निगरानी से होकर गुजरते हैं. ऐसे में खराब फलों की खेप दूसरे देश जाने का कोई सवाल ही नहीं आता. चूंकि चीन इस देश के अनानास का सबसे बड़ा आयातक देश है, तो जाहिर है कि इस बैन से किसानों को बड़ा धक्का लग सकता है. यही कारण है कि ताइवान के लोग सोशल मीडिया पर चीन के लिए अपना गुस्सा दिखा रहे हैं.