क्या था डार्क वेब का सबसे बड़ा डार्क मार्केट, जो बंद हो गया

डार्कमार्केट (Dark Market) पर यह एक बहुत ही उपयोगी कार्रवाई मानी जा रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
यूरोपोल (Europol) की मदद से जर्मनी (Germany) ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत डार्क मार्केट (Dark Market) को बंद कर दिया गया है जिससे गैरकानूनी गतिविधियों पर बड़ा शिकंजा माना जा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 7:52 PM IST
दुनिया का सबसे बड़ा डार्कवेब (Darkweb) का मार्केट, जिसे डार्कमार्केट (Dark Market) कहा जाता है, हाल ही में बंद कर दिया गया है. यह कार्रवाई यूरोपोल (Europol) के सहयोग से एक अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन (International Operation) के तहत की गई है. जर्मन लॉ एनफोर्समेंट ने एक ऑस्ट्रेलियाई (Australian) व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिसे इन अवैध साइटों (Illegal Sites) को चलाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. इस व्यक्ति के पास से अधिकारियों ने 20 सर्वर (Servers) बरामद किए हैं जिन पर इन साइट की होस्टिंग (Hosting) होती थी. जानते हैं कि यह डार्क मार्केट क्या है.
क्या होता है डार्क वेब
डार्क मार्केट को समझने से पहले हमें डार्कवेब को समझना होगा. डार्कमार्केट वह वर्ल्ड वाइड वेब की सामग्री है जिनसे जुड़ने के लिए डार्कनेट से जुड़ना होता है. डार्कनेट इंटरनेट के अंदर मौजूद वह नेटवर्क है जहां खास तरह की सॉफ्टवेयर, पहुंच के लिए खास प्राधिकार की जरूरत होती है. डार्कनेट की गतिविधियों का लेखा जोखा सर्च इंजन नहीं रखते हैं.
क्या हो रहा था इस डार्कमार्केट मेंडार्कवेब के जरिए डार्कमार्केट में अवैध खरीद फरोख्त के कारोबार किए जाते हैं जिनकी खबर आधिकारिक तौर पर लगाना बहुत मुश्किल है. इस बाजार में ड्रग्स से लेकर जाली नो, चुराए हुए क्रेडिट कार्डों की जानकारी, आदि चीजों की खरीदी और बिक्री होती है. यूरोपोल को मुताबिक इस कार्रवाई से पहले डार्कमार्केट में करीब 5 लाख यूजर्स और उनके 3.2 लाख ट्रान्जेक्शन काम कर रहे थे.
अब यह जानकारी हासिल करने का होगा प्रयास
यूरोपोल के अनुमान के अनुसार इस साइट ने करीब 14 करोड़ यूरो का कारोबार बिटकॉन और मोनेरो में किया था. अब जप्त किए गए सर्वर के जरिए यूरोपीय अधिकारी खरीदार और विक्रेताओं के आपराधिक ट्रांजेक्शन्स की जानकारी हासिल करने का प्रयास करेंगे.

एक बहुत बड़ी पड़ताल का हिस्सा
डार्कमार्केट को उजागर करने का काम एक विशाल खोजबीन का हिस्सा था जिसमें एक वेब होस्टिंग कंपनी साइबर बंकर शामिल है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक साइबरबंकर वास्तव में NATO के एक बंकर में स्थित है. इसके सर्वर ने पाइरेट बे और विकीलीक्स जैसी साइट्स होस्ट की हैं. माना जा रहा है कि डार्कमार्केट का यह मामला एक मिसाल है. यह भविष्य में दूसरे अवैध साइट्स की पड़ताल के में एक अहम शुरुआत साबित हो सकती हैं.
जानिए इस समीकरण सुलझा कर वैज्ञानिकों ने कैसे जगाई भविष्य के लिए उम्मीदें
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इस तरह की कार्रवाही कोई पहली नहीं है. इससे पहले भी पिछले कुछ सालों में डार्कमार्केट जैसे डार्कनेट के दूसरे अन्य ठिकाने पर दबिश डाली जा चुकी है. वाल स्ट्रीय मार्केट भी इसी तरह की जगह है जिसका पर्दाफाश साल 2020 में यूरोपीय पड़ताल के दौरान हुआ था.
गायब भी होते रहे हैं इस तरह के डार्क मार्केट
एक साइट एम्पायर मार्केट भी पूरी तरह से गायब हो चुकी है. ऐसा ही कुछ एल्फाबे और द सिल्क रोड के साथ हुआ था. जिसमें ऑपरेटर्स कामकाज में कटौती के साथ ही पूरा पैसा लेकर गायब ही हो गए थे. ऐसा तब हुआ था जब सरकारी एजेंसियां इन के प्रति ज्यादा आक्रामक हो गई थीं.
कोरोना से जंग ने लोगों की विज्ञान में जगाई दिलचस्पी
ताजा कार्रवाई में यूरोपोल को जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, मोल्दोवा, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने सहयोग किया था. लेकिन इसमें जर्मनी ने अगुआई की और एक बड़ी सफलता हाथ लगी. यूरोपोल पिछले कुछ सालों से साइबर क्राइम के क्षेत्र में खासी सफलताएं अर्जित कर रही है.
क्या होता है डार्क वेब
डार्क मार्केट को समझने से पहले हमें डार्कवेब को समझना होगा. डार्कमार्केट वह वर्ल्ड वाइड वेब की सामग्री है जिनसे जुड़ने के लिए डार्कनेट से जुड़ना होता है. डार्कनेट इंटरनेट के अंदर मौजूद वह नेटवर्क है जहां खास तरह की सॉफ्टवेयर, पहुंच के लिए खास प्राधिकार की जरूरत होती है. डार्कनेट की गतिविधियों का लेखा जोखा सर्च इंजन नहीं रखते हैं.
क्या हो रहा था इस डार्कमार्केट मेंडार्कवेब के जरिए डार्कमार्केट में अवैध खरीद फरोख्त के कारोबार किए जाते हैं जिनकी खबर आधिकारिक तौर पर लगाना बहुत मुश्किल है. इस बाजार में ड्रग्स से लेकर जाली नो, चुराए हुए क्रेडिट कार्डों की जानकारी, आदि चीजों की खरीदी और बिक्री होती है. यूरोपोल को मुताबिक इस कार्रवाई से पहले डार्कमार्केट में करीब 5 लाख यूजर्स और उनके 3.2 लाख ट्रान्जेक्शन काम कर रहे थे.
अब यह जानकारी हासिल करने का होगा प्रयास
यूरोपोल के अनुमान के अनुसार इस साइट ने करीब 14 करोड़ यूरो का कारोबार बिटकॉन और मोनेरो में किया था. अब जप्त किए गए सर्वर के जरिए यूरोपीय अधिकारी खरीदार और विक्रेताओं के आपराधिक ट्रांजेक्शन्स की जानकारी हासिल करने का प्रयास करेंगे.

डार्कमार्केट (Dark Market) आम इंटरनेट सुरक्षा से हटकर डार्कनेट में काम करते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
एक बहुत बड़ी पड़ताल का हिस्सा
डार्कमार्केट को उजागर करने का काम एक विशाल खोजबीन का हिस्सा था जिसमें एक वेब होस्टिंग कंपनी साइबर बंकर शामिल है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक साइबरबंकर वास्तव में NATO के एक बंकर में स्थित है. इसके सर्वर ने पाइरेट बे और विकीलीक्स जैसी साइट्स होस्ट की हैं. माना जा रहा है कि डार्कमार्केट का यह मामला एक मिसाल है. यह भविष्य में दूसरे अवैध साइट्स की पड़ताल के में एक अहम शुरुआत साबित हो सकती हैं.
जानिए इस समीकरण सुलझा कर वैज्ञानिकों ने कैसे जगाई भविष्य के लिए उम्मीदें
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इस तरह की कार्रवाही कोई पहली नहीं है. इससे पहले भी पिछले कुछ सालों में डार्कमार्केट जैसे डार्कनेट के दूसरे अन्य ठिकाने पर दबिश डाली जा चुकी है. वाल स्ट्रीय मार्केट भी इसी तरह की जगह है जिसका पर्दाफाश साल 2020 में यूरोपीय पड़ताल के दौरान हुआ था.
DarkMarket: world's largest illegal dark web marketplace has been taken offline in an international operation involving #DarkMarket had 500 000 users, 2 400 sellers and 320 000 transactions. We supported the takedown with operational analysis and coordination. pic.twitter.com/6ALq59mIZi
— Europol (@Europol) January 12, 2021
गायब भी होते रहे हैं इस तरह के डार्क मार्केट
एक साइट एम्पायर मार्केट भी पूरी तरह से गायब हो चुकी है. ऐसा ही कुछ एल्फाबे और द सिल्क रोड के साथ हुआ था. जिसमें ऑपरेटर्स कामकाज में कटौती के साथ ही पूरा पैसा लेकर गायब ही हो गए थे. ऐसा तब हुआ था जब सरकारी एजेंसियां इन के प्रति ज्यादा आक्रामक हो गई थीं.
कोरोना से जंग ने लोगों की विज्ञान में जगाई दिलचस्पी
ताजा कार्रवाई में यूरोपोल को जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, मोल्दोवा, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने सहयोग किया था. लेकिन इसमें जर्मनी ने अगुआई की और एक बड़ी सफलता हाथ लगी. यूरोपोल पिछले कुछ सालों से साइबर क्राइम के क्षेत्र में खासी सफलताएं अर्जित कर रही है.