अश्वेत मूल के अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद अमेरिका में हिंसा (violence in America) भड़की हुई है. लोग न्याय के लिए सड़क पर उतर आए हैं. इसी बीच 29 मई की रात वाइट हाउस (White House) के सामने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और जॉर्ज के लिए इंसाफ की मांग करते दिखे. प्रदर्शकारियों की भारी भीड़ को देखते हुए वाइट हाउस के सुरक्षा अधिकारी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को तुरंत भीतर ही बने खुफिया बंकर में ले गए. बताया जाता है कि ये बंकर किसी भी आपात स्थिति के लिए बना है ताकि इमरजेंसी में प्रेसिडेंट और उनके परिवार को सुरक्षित रखा जा सके. जानिए, कैसा है ये बंकर.
वाइट हाउस का भीतरी हिस्सा इस तरह से डिजाइन किया हुआ है कि वो 18वीं सदी में आयरलैंड के किसी आलीशान बंगले जैसा दिखता है. बड़े, खुले हुए कमरों में सजावट भी सादी लेकिन काफी भव्य है. साल 1791 में प्रेसिडेंट जॉर्ज वॉशिंगटन के वास्तुविद जेम्स हॉबेन ने वाइट हाउस का डिजाइन तैयार किया था, जिसे बनने में 8 साल लग गए. 8 सालों बाद साल 1800 में प्रेसिडेंट जॉन एडम्स यहां पहली बार आए. साल 1812 में लड़ाई के दौरान प्रेसिडेंट हाउस को अंग्रेजों ने आग लगा दी, जिसके बाद जेम्स हॉबेन ने दोबारा इसपर काम किया.

साल 1941 के दिसंबर में पर्ल हार्बर अटैक के तुरंत बाद इसे तैयार कर लिया गया था (Photo-archive)
इसके बाद से अब तक इसमें काफी बदलाव हुए हैं.यहां 132 कमरे हैं, 35 बाथरूम हैं और 6 मंजिलें हैं. वाइट हाउस में 3 लिफ्ट भी हैं. अलग-अलग रंगों के कमरों को उनके रंगों के नाम से जाना जाता है- जैसे ब्लू रूम या वाइट रूम. सेंट्रल हॉल से सारे कमरे जुड़े हुए हैं. वैसे प्रेसिडेंट हाउस को वाइट हाउस नाम प्रेसिडेंट थियोडोर रुजवेल्ट ने साल 1901 में दिया था, जिसके बाद से यही नाम चल निकला.
अब बात करते हैं यहां बने सीक्रेट बंकर की. इसका निर्माण लगातार होती रही छिटपुट लड़ाइयों को ध्यान में रखकर किया गया था. वैसे इसके निर्माण के साल की खास जानकारी नहीं है लेकिन वाइट हाउस हिस्ट्री की साइट पर जिक्र मिलता है कि साल 1941 के दिसंबर में पर्ल हार्बर अटैक के तुरंत बाद इसे तैयार कर लिया गया था. उस दौरान फ्रेंकलिन रूजवेल्ट राष्ट्रपति थे. सुरक्षा पर खतरे को देखते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें वाइट हाउस छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहा लेकिन राष्ट्रपति ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि इसकी बजाए वाइट हाउस के भीतर ही गुप्त जगह तैयार की जाए.

9/11 हमले के बाद किसी और बड़े हमले की आशंका में बंकर में काफी सारे आला अधिकारियों ने शरण ली
इसके बाद ही ईस्ट विंग में ऐसे बंकर की तैयारी शुरू हुई जिसपर बम, गोलियों किसी का भी असर न हो सके और न ही जहां तक किसी की पहुंच हो. जब बंकर बन रहा था, तब लगभग रोज ही इसे देखने के लिए रूजवेल्ट आया करते थे. उनके अलावा किसी को भी यहां आने की इजाजत नहीं थी. रूजवेल्ट के काफी बाद में यूएस के 33वें प्रेसिडेंट Harry S. Truman ने इस खुफिया व्यवस्था में और इजाफा किया. माना जाता है कि ये इतना मजबूत है कि न्यूक्लियर बम के गिरने पर भी इसे कुछ नहीं होगा. ईस्ट विंग में लंबे-चौड़े लॉन के ठीक नीचे जमीन के काफी भीतर ये बंकर बना हुआ है.
इसी दौरान इसे President's Emergency Operations Center (PEOC) नाम दिया गया. इस खुफिया सुविधा के बारे में अमेरिकी पत्रकार Garrett Graff ने एक किताब में लिखा है. Raven Rock नाम की इस किताब में बताया गया है कि बंकर 600 स्कवैयर फीट में फैला हुआ है. इसमें लिविंग रूम के अलावा कमांड रूम, टीवी और कॉफ्रेंस रूम भी है, जहां 16 लोग बैठ सकते हैं. 9/11 हमले के बाद किसी और बड़े हमले की आशंका में बंकर में काफी सारे आला अधिकारियों ने शरण ली थी. इसमें प्रेसिडेंट बुश के अलावा यूएस के तत्कालीन वाइस प्रेसिडेंट Dick Cheney भी थे. फर्स्ट लेडी लौरा बुश भी वहां थीं. बाद में लौरा ने अपनी किताब Spoken From The Heart में 9/11 के बारे में बताते हुए खुफिया बंकर में छिपने का भी जिक्र किया था.
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Tags: America, American billionaires, Donald Trump, United States of America
FIRST PUBLISHED : June 01, 2020, 11:50 IST